India Myanmar News: म्यांमार में चीनी कंपनी के शिकंजे में कैसे फंसे भारतीय…
Myanmar News in Hindi: चीन ने हिंदुस्तान के विरुद्ध फिर से साज़िश रची है। इस बार शी जिनपिंग के इशारे पर हिंदुस्तानियों को छूने की हिमाकत की गई है और इसमें एक चाइनीज कंपनी भी शामिल है। इस बार जिनपिंग के इशारे पर चाइनीज कंपनी ने 3 हिंदुस्तानियों को बंधक बना रखा है। आखिर चीन ने हमारे भारतीय नागरिकों को छूने की हौसला कैसे की? और अब कैसे हिंदुस्तान यानी हम लोग चीन को मुंहतोड़ उत्तर देंगे।
दरअसल चीन की एक कंपनी है।।जो म्यांमार में काम करती है। उसने अपनी कंपनी में जॉब का झांसा देकर तीन भारतीय युवकों को बुलाया और अब वहां पर उन्हें टॉर्चर कर रही है। उनसे गलत काम करवा रही है। काम न करने पर बिजली के झटके दे रही है। पिछले 15 दिनों से 3 भारतीय म्यांमार में बंधक बने हुए हैं। म्यांमार में चीन की कंपनी के कब्जे में फंसे हमारे भारतीय भाइय़ों ने कई वीडियो अपने परिवार को भेजा है।
वीडियो भेजने के बाद सामने आया मामला
म्यांमार में बंधक एक भारतीय राहुल है। वो लखनऊ का रहने वाला है। जिस कमरे में उसे बंधक बनाया गया है, वहां से उसने अपने परिवार वालों को व्हॉट्सऐप पर वीडियो भेजा है। इसी वीडियो में राहुल अपना आई कार्ड दिखा रहा है जो चाइनीज कंपनी का है, उसके साथ उसका एक दोस्त भी दिख रहा है, वो भी बंधक है। वहां पर अभी तीन बंधक हैं, जिनमें से राहुल गौतम और सागर चौहान लखनऊ के रहने वाले हैं। जबकि अजय कुमार उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला है।
आपको बताते हैं कि आखिर ये भारतीय चाइनीज कंपनी के चंगुल में कैसे आए। पहले तीनों हिंदुस्तानियों को जॉब का झांसा देकर म्यांमार बुलाया गया था। फंसाने के लिए पहले राहुल को दिल्ली से मलेशिया बुलाया गया और एक कंपनी में जॉब दिलाने का वादा किया गया था लेकिन मलेशिया आने के बाद उन्हें बिल्कुल से फ्लाइट से म्यांमार भेज दिया गया। राहुल कह रहा है कि म्यांमार में उन्हें चाइनीज कंपनी को बेच दिया गया।
दो रूटों से युवकों को म्यांमार बुलाया गया
म्यांमार बुलाने का एक और रूट था वाया बैंकॉक। राहुल के 2 दोस्त अजय और सागर उसी रूट से म्यांमार झांसे में फंसाने के लिए बुलाया गया। दोनों को दिल्ली से बैंकॉक बुलाया गया और वहां से अचानक उन्हें फ्लाइट से म्यांमार बुलाया गया और उसी चाइनीज कंपनी को सौंप दिया गया, जहां पहले से राहुल को बंधक बना रखा था।
वहां पर कंपनी में उन सबसे 18 से 20 घंटे तक काम करवाया जा रहा है, काम में लापरवाही पर टॉर्चर किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक शॉक दिया जा रहा है। रात भर जगाकर काम करवाने के लिए पानी का स्प्रे किया जा रहा है। मतलब निर्दयता की हर सीमा चाइनीज कंपनी ने पार कर दी है। राहुल ने अपने वीडियो में खुलासा किया कि उसके दोस्त को टॉर्चर किया जाता था और वो लापता है और उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता।
तीनों युवकों को दूसरी कंपनी में बेच दिया गया
म्यांमार में बंधक अजय कुमार ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, मेरा नाम अजय है मैं हिंदुस्तान का रहने वाला हूं और बाराबंकी जिले से हूं | मैं और मेरे दो दोस्त कुछ समय पहले नौकरी के लिए मलेशिया निकले थे। मलेशिया जाने के लिए हम लोग लखनऊ से हैदराबाद निकले फिर हैदराबाद से दिल्ली पहुंचे। फिर दिल्ली से मेरा एक दोस्त म्यांमार के रास्ते आया और हम दो दोस्त बैंकॉक के रास्ते आए।
अजय ने आगे बताया, आगे जाने पर पता चला हमारी वाहन कंपनी ना ले जाकर कहीं और लेकर चली गई। जहां जाने के बाद पता चला कि हमारी कंपनी के डीलर ने हम लोगों को दूसरी कंपनी में बेच दिया है। पैसे लेकर फिर यहां पर हमारे साथ अजीब हरकतें हो रही हैं। हमें मारना पीटना, टॉर्चर करना, अंधेरे कमरे में बंद कर देना, पूरी रात को चेहरे पर पानी के फौवारे चलाते रहना। बहुत सी दिक्कतें हमारे सामने आ रही हैं।
साइबर अपराध करने के लिए किया जा रहा मजबूर
एक अन्य बंधक राहुल ने वीडियो में बताया, यहां (म्यांमार) की इनकी आर्मी ने मुझे उठाया और बंदूक तानते हुए मुझे यहां लेकर आई। यहां लोगों को टॉर्चर किया जाता है, मारा-पीटा जाता है और उनसे स्कैम करवाया जाता है। यदि वो अपना डेली का टारगेट पूरा नहीं करते तो उनको इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। इससे मैं बचना चाहता हूं, इसलिए मैं हिंदुस्तान गवर्नमेंट से कहता हूं कि निकाल लिया जाए नहीं तो पता नहीं कितने दिन जिंदा रहूं कोई भरोसा नहीं है। मैं अपने दोस्तों को भी लेकर आया हूं। नाम है पंकज और सागर चौहान। ये मेरे खास दोस्त हैं। सागर मेरे साथ पढ़ते था, मेरी हिंदुस्तान गवर्नमेंट से इतनी सी आशा है कि मुझे यहां से निकाल लें। इन लोगों को थाइलैंड रूट से बुलाया गया था।
राहुल, अजय और सागर के परिवार ने लखनऊ के पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई कि उन्हें जल्द से जल्द वापस बुलाया जाए। इस मुद्दे में चीन शायद भूल गया कि अब भारत…पुराने वाला हिंदुस्तान नहीं है। ये नया हिंदुस्तान है जो अपनी कूटनीतिक ताकत से दुनिया के किसी भी राष्ट्र में फंसे हिंदुस्तानियों को बचाने की ताकत रखता है।
अब पहले जैसा बेबस नहीं रहा भारत
इसी वर्ष फरवरी में हमने खाड़ी राष्ट्र कतर में मृत्यु की सज़ा की पाए 8 हिंदुस्तानियों की ना केवल सज़ा माफ कराई थी बल्कि उनमें से 7 हिंदुस्तानियों को सुरक्षित राष्ट्र वापस लाने में सफलता हासिल की थी। अब बारी म्यांमार की है। जहां 3 भारतीय चाइनीज कंपनी के चंगुल में फंसे हैं और उसका टॉर्चर सह रहे हैं।
हाल ही में हिंदुस्तान गवर्नमेंट कंबोडिया में फंसे 250 भारतीय को सुरक्षित घर वापस लेकर आई थी, उन हिंदुस्तानियों को भी जॉब का झांसा देकर बुलाया गया था और उन्हें जबरदस्ती स्कैम करवाया जा रहा था। 2023 में सूडान के गृह युद्ध में फंसे 4 हजार से अधिक हिंदुस्तानियों को ऑपरेशन कावेरी के अनुसार लेकर आई थी। 2022 में भी म्यांमार-कंबोडिया और लाओस में जबरदस्ती बंधक बनाए गए 130 हिंदुस्तानियों को वापस लेकर आई थी। 2022 में यूक्रेन के वॉर जोन से 18 हजार से अधिक हिंदुस्तानियों को सकुशल हिंदुस्तान लेकर आई थी।
कामयाब नहीं होगी चीन की साजिश
तो अब शी जिनपिंग कान खोलकर सुन लो। चीन की कंपनी की षड्यंत्र सफल नहीं होगी। अपनी कंपनी को समझा दो हमारे हिंदुस्तानियों को तड़पाना बंद करो और उन्हें तुरंत हिंदुस्तान भेजो। वर्ना जैसे पाक की इंटरनेशनल तिरस्कार हो रही है।।वैसी तुम्हारी भी होगी।
भारत और हिंदुस्तानियों के विरुद्ध चीन की साज़िशों की लिस्ट लंबी है…अब जरा इस लिस्ट को देखिए। चीन…भारत की जासूसी करता है।।किसी न किसी बहाने जासूसी करने की प्रयास करता है। अभी हिंद महासागर में जासूसी जहाजों के जरिए नज़र करने की प्रयास में है।।लेकिन उसकी प्रयास असफल हो रही है।
पड़ोसियों को भड़काता है ड्रैगन
चीन हमारे पड़ोसी नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश को भड़काने की प्रयास कर रहा था। लेकिन उन सब जगहों पर तुम असफल हो गए। घुसपैठ की प्रयास भी तुम्हारी असफल हो गई | 2020 में गलवान की घटना तो अच्छे से याद होगी। भूले तो नहीं उस सबक को। फिर से सबक सिखाएं क्या तुम्हें।
विस्तारवाद का प्रोपेगंडा करता है। आए दिन भारतीय इलाकों के नाम बदलता है।।लेकिन उसकी मंशा असफल हो जाती है।।क्या हम भी तुम्हारे क्षेत्र का नाम बदल दें…तब सुधरोगे। सीधी उंगली से बात नहीं समझ आ रही। यही चीन पाक के आतंकवादियों का साथ देता है और UN में आतंकवादियों का बॉडीगार्ड बन जाता है ।
लोन ऐप के नाम पर भी चीनी धोखेबाजी
अब तो चाइनीज लोन ऐप वाली धोखेबाजी भी कर रहे हो।।तुम्हारी इतने ऐप बंद कर दिए फिर भी बाज नहीं आते। विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला है कि 10 वर्ष में विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन हुआ है।। चीन को समय समय पर हिंदुस्तान ने मुंहतोड़ उत्तर दिया।। आतंकवादी घटना पर उरी बालाकोट जैसा उत्तर दिया गया।
चीन हिंद महासागर में हिंदुस्तान के विरुद्ध अपने जासूसी जहाजों के जरिए नज़र रखने की प्रयास करता है।।और चीन की सोच ये है कि वो हिंद महासागर में कब्ज़ा कर ले।।लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। अब हमने हिंद महासागर के जाने वाले रास्ते पर चीन को ऐसा उत्तर दिया है कि चीन को कुछ सूझ नहीं रहा है।
एक बार फिर मुंह की खाएगा चीन
भारत को म्यांमार के सिटवे बंदरगाह के संचालन का अधिकार मिल गया है। हिंदुस्तान से बाहर ये दूसरा पोर्ट है जिस पर अब हिंदुस्तान का नियंत्रण है…सिटवे बंदरगाह चीन के सीमा के करीब है और सबसे बड़ी बात ये है कि इस बंदरगाह से नॉर्थ ईस्ट के राज्य भी करीब हैं। हिंदुस्तान को पहले ही ईरान के चाबहार पोर्ट का नियंत्रण मिल चुका है और ये पोर्ट पाक की सीमा के करीब है।।यहां से पाक के ग्वादर पोर्ट एकदम करीब है। ग्वादर पोर्ट चीन के नियंत्रण में है।
चीन ध्यान से सुन लो।।तुम्हारी हर साज़िशें अब तक असफल होती आई हैं। गलवान में मुंह की खाई है। आतंकवाद पर मुंह की खाई है। अब चाइनीज कंपनी के जरिए जिन हिंदुस्तानियों को बंधक बना रखा है। उन्हें रिहा करो और सुरक्षित हिंदुस्तान भेजो। वर्ना ये नया हिंदुस्तान अपने ढंग से तुमको और तुम्हारी कंपनी को सबक सिखाना जानता है।