‘भारत को UN की स्थाई सीट 100 फीसदी मिलेगी’, जयशंकर बोले…
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बोला कि हिंदुस्तान को संयुक्त देश सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थाई सीट जरूर मिलेगी, मगर यह सरल नहीं होगा। ऐसे बहुत से राष्ट्र हैं, जो हिंदुस्तान को स्थाई सीट मिलते नहीं देखना चाहते हैं। दो दिनों के हिंद महासागर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आस्ट्रेलिया पहुंचे जयशंकर ने शनिवार को बोला कि जब वह पूरे विश्व में जाते हैं तो उन्हें परिवर्तन नजर आता है, अब दुनिया हिंदुस्तान को कितनी अलग नजरों से देख रही है। हिंदुस्तान को यूएनएससी में स्थाई सीट का भी मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि हम वहां पहुंचेंगे लेकिन ईमानदारी से कहूं तो हम इसे सरलता से हासिल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि दुनिया प्रतिस्पर्धा से भरी है। जयशंकर ने किसी राष्ट्र का नाम लिए बिना बोला कि कुछ लोग हमें रोकने की प्रयास करेंगे। हमारे रास्ते को कठिन करने के लिए हर तरह की बाधा खड़ी करेंगे। हिंदुस्तान के विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि मैं पांच वर्ष या दस वर्ष पहले की तुलना में आज आश्वस्त हूं। मैं पूरे विश्व में लोगों से यह सुनता हूं कि हिंदुस्तान सशक्त हो रहा है। हमारी स्थिति विश्व में बदल रही है।
दुनिया में कुछ राष्ट्रों का वर्चस्व
जयशंकर ने बोला कि आज हिंदुस्तान विश्वसनीय और सम्मानित है। ऐसे भी बहुत से राष्ट्र हैं, जो हमें यूएनएससी में स्थायी तौर पर देखना चाहते हैं। उन्होंने बोला कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें कइयों के भलाई शामिल हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिचर्चा पर कुछ ही लोगों का वर्चस्व है। जयशंकर ने बोला कि ‘यह ऊर्जा संकट के बारे में हो सकता है, कई राष्ट्रों में आज ऋण की स्थिति है। यह संस्कृति और विरासत के बारे में हो सकता है क्योंकि कोई भी दूसरों की संस्कृति से अभिभूत नहीं होना चाहता।
जयशंकर ने बोला कि संयुक्त देश के विभिन्न निकायों में हुए कई चुनावों में हिंदुस्तान ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। विदेश मंत्री ने बोला कि ‘हमने उन चुनावों में उन पांच राष्ट्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया, जो पहले से ही सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं।’ उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान एक अधिक बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और दुनिया पर और अधिक असर डालेगा। हमारा समय आ रहा है, आप जानते हैं, लेकिन हमें इसके लिए काम करना होगा।’ उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं। स्थायी सदस्य के पास ही किसी भी प्रस्ताव पर ‘वीटो’ करने की शक्ति होती है।