इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भारत के विदेश मंत्री ने दिया रोम में बड़ा बयान
उन्होंने बोला कि विभिन्न विवादों को लेकर संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने यह बात इजरायल-फिलिस्तीन टकराव में नयी दिल्ली की स्थिति को दोहराते हुए कहा। मगर यहां आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। हमें आतंकवाद बिलकुल अस्वीकार्य है। हमें इसके विरुद्ध खड़ा होना होगा। मगर यहां फिलिस्तीन का भी मामला है। इसलिए फिलिस्तीन के उस मामले का भी निवारण किया जाना चाहिए, जो वहां के लोग झेल रहे हैं। उन्होंने मध्य-पूर्व में चल रहे दो राष्ट्रों के टकराव के संकट को समाप्त करने के लिए संवाद और वार्ता की आवश्यकता पर बल दिया।
संघर्ष और आतंकवाद से नहीं खोज सकते मुद्दों का समाधान
जयशंकर ने बोला कि हमारा मत है कि यह निवारण दो राष्ट्रों के बीच होना चाहिए। यदि निवारण खोजना है आप इसे तो संवाद और वार्ता के जरिये ही हासिल कर सकते हैं। आप इसे द्वंद और आतंकवाद के जरिये नहीं पा सकते। इसलिए हम संवाद और वार्ता का समर्थन करेंगे। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमारा मानना है कि इन्सानियत के कानून का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी विषम हालात में संतुलन न रखना, बुद्धिमानी नहीं है। उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान ने हमेशा फिलिस्तीन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और व्यवहार्य राष्ट्र होने की वकालत की है, जो इजरायल के साथ शांति से रहे।