अंतर्राष्ट्रीय

इज़राइल हमास युद्ध: भारत फिलिस्तीन मुद्दे का समर्थक रहा है- फिलिस्तीन राजदूत

फ़िलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा: इज़राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का आज 5वां दिन है. अब तक कम से कम 3000 लोगों की जान जा चुकी है. इजराइल के सैनिक हमास आतंकवादियों पर टूट पड़े हैं और गाजा पट्टी समेत इलाकों में भारी बमबारी कर रहे हैं. इन सबके बीच फिलिस्तीन ने हिंदुस्तान से खास अपील की है और फिलिस्तीनी राजदूत अलहैजा ने बोला कि हिंदुस्तान संकट को कम करने में किरदार निभाने के लिए अच्छी स्थिति में है. अदनान अबू अलहैजा ने बोला कि फिलिस्तीन मामले पर हिंदुस्तान की एकजुटता महात्मा गांधी के समय से चली आ रही है और पश्चिम एशिया में सभी प्रमुख दलों पर इसके बढ़ते अंतरराष्ट्रीय कद और असर के साथ, यह उत्पन्न संकट को कम करने में जरूरी किरदार निभाने के लिए अच्छी स्थिति में है. इजराइल-हमास संघर्ष.

अब तक 3000 की मौत
फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने विशेष रूप से बोला है कि हिंदुस्तान इजरायल और फिलिस्तीन दोनों का ‘मित्र’ है और तनाव कम करने की दिशा में काम करने और फिलिस्तीन मामले के निवारण में सहयोग देने में ‘सक्षम’ है. शनिवार से गाजा से हमास आतंकियों द्वारा इजरायल के विरुद्ध बहुआयामी हमले और उसके बाद इजरायली जवाबी कार्रवाई में पिछले पांच दिनों में कम से कम 3,000 लोग मारे गए हैं. बढ़ते तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और असहमतियां बढ़ी हैं.

भारत जानता है कि फिलिस्तीन का मामला क्या है- अबू अलहैजा
अदनान अबू अलहैजा ने बोला कि हिंदुस्तान यूरोपीय देशों, अमेरिका, पश्चिम एशियाई राष्ट्रों के साथ वार्ता कर सकता है और इजराइल पर शांति की दिशा में काम करने के लिए दबाव बना सकता है. जिसे वह (इज़राइल) अब तक नकारता रहा है. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान प्रारम्भ से जानता है कि फिलिस्तीन मामला क्या है, महात्मा गांधी के समय से. इसलिए वह इस किरदार को निभाने के लिए उपयुक्त हैं, खासकर जब से हिंदुस्तान दोनों (फिलिस्तीन और इज़राइल) का मित्र है.

भारत फिलिस्तीन मामले का समर्थक रहा है- फिलिस्तीन राजदूत
फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल्हाइजा ने बोला कि हिंदुस्तान फिलिस्तीन मामले का समर्थक रहा है. उन्होंने बोला कि ‘भारत एक बहुत ही जरूरी राष्ट्र है. मुझे लगता है कि हिंदुस्तान इस मुद्दे में नेतृत्व कर सकता है. ‘भारत अच्छी किरदार निभा सकता है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हिंदुस्तान मध्यस्थ की किरदार निभाए, उन्होंने उत्तर दिया, ‘(मुझे) ऐसी आशा है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस बारे में हिंदुस्तान गवर्नमेंट या विदेश मंत्रालय के संबंधित लोगों को कहा था, उन्होंने बोला कि उन्होंने यह बात करीब दो वर्ष पहले ही बता दी थी. इज़राइल ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह चुनौती का सामना करेगा और अपराधियों को दंडित करेगा, हमास चरमपंथियों के हमलों को पूरी तरह से अकारण और अस्वीकार्य बता रहा है.

निर्दोष नागरिकों की मृत्यु पर बोलते हुए,
राजदूत ने बोला कि उन्होंने जो किया वह उस चीज़ की ‘प्रतिक्रिया’ थी जो इज़राइल ‘लंबे समय’ से फिलिस्तीनी लोगों के साथ कर रहा था जिसमें बेगुनाह नागरिक मारे गए थे. राजदूत ने कहा, “मैं नागरिकों की मर्डर की आलोचना करता हूं – चाहे फिलिस्तीनी हो या इजरायली.” उन्होंने बोला कि गाजा 22 लाख लोगों के लिए खुली कारावास है. वे कहीं भी नहीं जा सकते, वे चिकित्सा इलाज के लिए बाहर नहीं जा सकते जब तक कि इज़राइल से कोई उन्हें वेस्ट बैंक में आने की अनुमति नहीं देता.

राजदूत ने संघर्ष क्षेत्र की स्थिति को बहुत खराब बताया. उन्होंने बोला कि हालात बहुत खराब हैं. वर्षों से हम दुनिया को (इजरायल के कार्यों के बारे में) चेतावनी दे रहे थे कि बिना किसी ज़िम्मेदारी के प्रतिदिन क्या हो रहा है. हम हमेशा ज़िम्मेदारी की मांग कर रहे थे. अब जो कुछ भी हो रहा है वह उनकी असफलता के कारण हो रहा है.’ उन्होंने बोला कि ‘अभी स्थिति दोनों तरफ बहुत खराब है.

 

 

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