अंतर्राष्ट्रीय

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में भारत के खिलाफ दिया बयान

खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर मामले पर कनाडा और हिंदुस्तान के रिश्तों में खटास आ गई है संभावना है कि अमेरिका इस मामले पर दोहरा खेल खेल रहा है हिंदुस्तान के साथ करीबी रिश्तों के बावजूद अमेरिका कूटनीतिक पैंतरेबाजी दिखा रहा है नाइजर पर कनाडा को पहला इनपुट अमेरिका द्वारा फाइव आइज़ (FVEY) समूह के माध्यम से प्रदान किया गया था

क्या अमेरिका ने कनाडा का समर्थन किया?

इनपुट में क्या था ये सामने नहीं आया है लेकिन इनपुट मिलने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में हिंदुस्तान के विरुद्ध बयान दिया रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के मारे जाने के बाद अमेरिका ने कनाडा को खुफिया जानकारी दी थी लेकिन ट्रूडो द्वारा हिंदुस्तान पर नाइजर को मारने की षड्यंत्र रचने का इल्जाम लगाने के बाद कनाडा ने इसकी अलग तरह से व्याख्या की

अमेरिकी राजदूत ने पीओके का दौरा किया

भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच पाक में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का दौरा किया जिसमें अमेरिका का दोहरा खेल देखने को मिलाब्लॉम पिछले सप्ताह चुपचाप पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान चले गए थे यह जानकारी सामने आने और हिंदुस्तान में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने खुलासा करने पर टकराव बढ़ गया उन्होंने तर्क दिया कि जी-20 सम्मेलन में बैठक के लिए हमारा एक प्रतिनिधिमंडल भी कश्मीर गया था

जब अमेरिका ने फ्रांस के साथ खेला दोहरा खेल

अमेरिका का मित्र राष्ट्रों के साथ ‘डबल गेम’ खेलने का एक लंबा इतिहास रहा है वर्तमान उदाहरण पर नजर डालें तो अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी बनाई और ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां मौजूद कराने की घोषणा की इस डील के बाद फ्रांस ने अमेरिका से कड़ी नाराजगी जताई थी क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन के साथ डील के बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी का कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया था

कनाडा भी अमेरिका का शिकार बना

जिस कनाडा को लेकर अमेरिका हिंदुस्तान पर दबाव बनाने की प्रयास कर रहा है, उसे अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है दरअसल, 2010 में अमेरिका और कनाडा के बीच ऑयल पाइपलाइन प्रणाली बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे इसका काम कनाडाई ऊर्जा कंपनी टीसी एनर्जी कॉर्पोरेशन ने किया था 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कारण इस परियोजना में काफी देरी हुई थी इसके बाद डोनाल्ड ने अपने कार्यकाल के दौरान इसे दोबारा प्रारम्भ करने की प्रयास की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और कनाडाई कंपनी को यह प्रोजेक्ट छोड़ना पड़ा जस्टिन ट्रूडो ने जो बिडेन के सामने भी ये मामला उठाया था प्रोजेक्ट रद्द होने के बाद कनाडाई मीडिया ने भी अमेरिका पर फर्जीवाड़ा का इल्जाम लगाया

वियतनाम में संधि के लिए बाध्य किया गया

वियतनाम युद्ध के दौरान भी अमेरिका का दोहरा खेल देखने को मिला था दरअसल, इस युद्ध में सबसे पहले अमेरिका ने दक्षिण वियतनाम का साथ दिया था उन्हें धन के साथ-साथ सेना सहायता भी दी गई लेकिन जैसे-जैसे युद्ध बढ़ता गया, इसका असर अमेरिका पर भी पड़ने लगा युद्ध का घरेलू विरोध बढ़ने लगा और दबाव में अमेरिका ने पेरिस में उत्तरी वियतनामी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की तब एक समझौता हुआ और अमेरिका ने दोनों पक्षों को इसे स्वीकार करने के लिए विवश किया

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