जानें क्यों? एक ही दिन में शरणार्थी बन गए पाकिस्तान में रह रहे 17 लाख अफगानी मुसलमान
धर्म के नाम पर कट्टरवाद और आतंकवाद फैलाने वाला पाक अब धर्म को हथियार बनाकर अपने वास्तविक रंग में आ गया है। पाक ने मुसलमान बहुल पाक में रहने वाले 17 लाख अफगानी मुसलमानों को बाहर निकाल दिया है। वर्षों से पाक में रह रहे ये अफगानी एक ही दिन में शरणार्थी बन गए और अब शरण मांग रहे हैं। उनकी हालत इतनी खराब है कि उनके पास ठंड में सिर छुपाने के लिए खाने-पीने तक के लिए कुछ नहीं है। इन लोगों की सहायता करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने कई खुलासे किए हैं।
पका हुआ आभूषण, सोना, कीमती सामान ले लिया गया, सिर्फ़ जो कपड़े उन्होंने पहने थे उन्हें जीर्ण-शीर्ण हालत में फेंक दिया गया।
पाकिस्तान की सीमा पार कर अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे इन शरणार्थियों ने बड़े दुख के साथ मीडिया को कहा कि पाक ने उन्हें अपना सामान भी साथ नहीं ले जाने दिया और खाली हाथ बाहर निकाल दिया। रोजाना हजारों लोग बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान ने अफगानों को धमकी दी कि यदि उन्होंने 31 अक्टूबर तक पाक खाली नहीं किया तो उन्हें घुसपैठिया घोषित कर अरैस्ट कर लिया जाएगा। गिरफ्तारी से बचने के लिए इन अफगानों को बड़ी संख्या में पलायन करने के लिए विवश होना पड़ा।
हैरानी की बात ये है कि किसी भी मुसलमान राष्ट्र ने इसका विरोध नहीं किया। इजराइल ने गाजा पर धावा कर दिया जिसके कारण वहां रहने वाले 20 लाख से अधिक मुस्लिम बेघर हो गए हैं और आश्रय के लिए छटपटा रहे हैं। जब 17 लाख से अधिक मुसलमानों को बिना किसी युद्ध के पाक और अफगानिस्तान के बीच भटकने के लिए विवश किया गया था।
फिलहाल पाक घर-घर जाकर अपने राष्ट्र में रह रहे अफगानियों की तलाश कर रहा है। कराची, बलूचिस्तान समेत कई इलाकों से कई लोगों को अरैस्ट किया गया है। पुलिस ने बोला कि पांच हजार अफगानियों को होल्डिंग सेंटरों में भेजा गया है। यह पिछले कुछ सालों में लाखों की संख्या में देखा गया सबसे बड़ा पलायन बताया जा रहा है।
इन शरणार्थियों के लिए तालिबान की ओर से राहत शिविर तैयार किए गए हैं, लेकिन लोगों की संख्या इतनी है कि इन शिविरों की सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। 17 वर्ष से पाक के पेशावर में रह रहे कयाल मोहम्मद ने बोला कि मेरे पांच बच्चे हैं, एक सप्ताह पहले हमें सीमा पार अफगानिस्तान भेज दिया गया, हमने अपने घर में जो सामान इकट्ठा किया था उसे ले जाने की इजाजत नहीं दी गई पेशावर और हमसे वे कपड़े छीन लिए गए जो हमने नंगे हाथों से पहने थे।
वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल संस्था से जुड़े और राहत शिविर में सेवा दे रहे थमिन्द्री सिल्वा ने कहा कि इन शरणार्थियों के सारे गहने, आभूषण, कीमती सामान पाक सीमा पर ले लिया गया, केवल उनके पहने हुए कपड़े ही फेंक दिए गए।
सेव द चिल्ड्रेन के निदेशक अरशद मलिक ने बोला कि इतनी बड़ी संख्या में अत्यधिक गरीबी वाले लोग अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं। इस स्थिति के बीच अफगानिस्तान में बाल स्मग्लिंग बढ़ सकती है। इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में बच्चे भी मजदूरी करने को विवश होंगे। अफगानिस्तान पहले से ही आतंकवाद, गरीबी, अकाल और हालिया भूकंप से जूझ रहा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के प्रवेश करने से स्थिति और भी भयावह होने की संभावना है।