अंतरिक्ष शटल मिशन पर उड़ान भरने वाली महिला मैरी क्लेव का 76 वर्ष की आयु में निधन
नासा की अंतरिक्ष यात्री मैरी क्लेव, जो 1989 में चैलेंजर आपदा के बाद अंतरिक्ष शटल मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली स्त्री बनीं, का कल 76 साल की उम्र में मृत्यु हो गया। अभी उनकी मृत्यु का कारण पता नहीं चल पाया है। यह जानकारी नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर बॉब कबाना ने दी।
बॉब कबाना ने एक बयान में कहा, “मुझे दुख है कि हमें ट्रेल ब्लेज़र डाक्टर के मृत्यु की घोषणा करनी पड़ रही है। मैरी क्लेव, शटल अंतरिक्ष यात्री, दो अंतरिक्ष उड़ानों की अनुभवी और सहायक प्रशासक के रूप में विज्ञान मिशन निदेशालय का नेतृत्व करने वाली पहली महिला। उन्होंने कहा, “मैरी विज्ञान, अनुसंधान और हमारे ग्रह की देखभाल के प्रति जुनून रखने वाली स्त्री थीं।” उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’
क्लेव के बयान के मुताबिक- वह ग्रेट नेक, न्यूयॉर्क की रहने वाली थीं। माइक्रोबियल इकोलॉजी में मास्टर डिग्री और यूटा स्टेट यूनिवर्सिटी से सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने से पहले उन्होंने कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान का शोध किया। उन्होंने 2002 में नासा के ओरल हिस्ट्री प्रोजेक्ट को कहा कि उन्हें हवाई जहाज उड़ाने का शौक था और उन्होंने ड्राइवर के लाइसेंस से पहले पायलट का लाइसेंस हासिल कर लिया था।
क्लेव ने कहा, वह एक फ्लाइट अटेंडेंट बनना चाहती थी, लेकिन उसने पाया कि 5 फुट 2 इंच की लंबाई के साथ, वह उस समय एयरलाइन नियमों के अनुसार इस किरदार के लिए बहुत छोटी थी। उन्होंने बोला कि सकारात्मक कार्रवाई ने उनके जुनून का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे उन्हें टी-38 नामक सुपरसोनिक जेट उड़ाने का मौका मिला। वह एक रिसर्च लैब में काम कर रही थी और यूटा में अपनी मेडिकल पढ़ाई पूरी कर रही थी।
इसी बीच उन्होंने एक क्षेत्रीय डाकघर में एक विज्ञापन देखा जिसमें बोला गया था कि नासा अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल होने के लिए वैज्ञानिकों की तलाश कर रहा है। उन्होंने आवेदन किया और 1980 में उनका चयन हो गया। अपने पहले मिशन पर, क्लेव 1985 में नासा के अंतरिक्ष शटल अटलांटिस पर उड़ान भरकर अंतरिक्ष में यात्रा करने वाली 10वीं स्त्री बनीं।