अंतर्राष्ट्रीय

मिस यूनिवर्स में पहली बार भाग लेगी मॉडल रूमी

दुनिया में सऊदी अरब की पहचान एक इस्लामिक देश के तौर पर होती है. यहां की 94 फीसदी जनसंख्या मुसलमान है. लेकिन आज कल सऊदी अरब की पहचान उसकी इस्लामिक देश वाली छवि के तौर पर नहीं बल्कि समय के साथ बदले सऊदी अरब की तरह हो रही है. सऊदी अरब अब समय के साथ कट्टरता की बेड़ियों को तोड़कर स्त्रियों को आजादी दे रहा है. सऊदी अरब वो करने जा रहा है जो उसने आज से पहले कभी नहीं किया है. इस वर्ष मैक्सिको में मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट होने वाला है. जिसमें दुनिया के कई राष्ट्र हिस्सा लेंगे. लेकिन इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में सऊदी अरब का झंडा नजर आएगा. दुनिया की सबसे लोकप्रिय सौदर्य प्रतियोगिता में सऊदी अरब की 27 वर्ष की मॉडल रूमी अल्का तानी अपने देश का अगुवाई करेंगी.

रूमी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि मिस यूनिवर्स 2024 कॉम्पिटिशन में भाग लेने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं. पहली बार इस कम्पटीशन में सऊदी अरब एम्पायर पहुंचेगा. इस पोस्ट के साथ रूमी ने अपनी कई फोटोज़ भी शेयर की हैं. बता दें कि पिछले पांच से सात वर्षों में सऊदी अरब ने कई ऐसे निर्णय लिए हैं जिससे स्त्रियों को अधिक फ्रीडम के साथ अपनी जीवन जीने का मौका मिला है. 2019 में स्त्रियों को बिना पुरुष के साथ अकेले विदेश जाने की भी अनुमति नहीं थी. विवाह के रजिस्ट्रेशन से लेकर ऑफिशियल लेटर बनाने तक के लिए भी मर्दों की अनुमति को समाप्त कर दिया गया है.

लेकिन सऊदी अरब के इस फैसला का कई मुसलमान राष्ट्रों की तरह पाक में भी विरोध देखने को मिला है. इसको लेकर वहां के यूट्यूबर सोहैब चौधरी ने पाक की आम आवाम से राय जानी. यूट्यूबर के प्रश्न पर वहां के एक शख्स ने उत्तर देते हुए बोला कि जब किसी कौम को तबाह करना हो तो वहां के कल्चर को हिट किया जाता है. इस पर चौधरी ने तुरंत प्रश्न पूछा कि वेस्टर्न कल्चर को फॉलो करने से उस राष्ट्र का कल्चर तबाह हो सकता है? इस पर शख्स ने उत्तर दिया कि मेरा मतलब ये नहीं था. मेरा मतलब उस राष्ट्र के कल्चर से था.

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