Osama bin Laden: 2 मई की वो तारीख जब मारा गया था लादेन
Osama Bin Laden death Story: अमेरिकी स्पेशल फौज ने 2 मई, 2011 को खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाक के एबटाबाद में मार गिराया था। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के दौरान भले ही गोपनीयता बरती गई हो, लेकिन अमेरिका ने खुल्लम खुल्ला ऐसे किसी मिलिट्री एक्शन का घोषणा कर दिया था। हालांकि तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि अमेरिका कुछ ऐसा करेगा कि पूरी दुनिया में पाक की थू-थू हो जाएगी। आज उस ऑपरेशन की बरसी पर सुनाते हैं लादेन के खात्मे की पूरी कहानी।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी ने जियो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि 2011 में अल-कायदा सुप्रीमो के खात्मे से काफी पहले अमेरिका ने उन्हें ओसामा बिन लादेन की पाक में मौजूदगी के बारे में सबूतों के साथ पुख्ता जानकारी दी थी।
गिलानी ने ये भी कहा कि उसी दौरान तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने पाक का दौरा किया था क्योंकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पुख्ता इनपुट मिल चुका था कि बिन लादेन पाक में छिपा है।
गिलानी के अनुसार मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के फौरन बाद, दिसंबर 2008 के पहले हफ्ते में राइस अचानक इस्लामाबाद पहुंची थीं। तब गिलानी ने लादेन के पाक में छिपे होने को पूरे विश्व की खुफिया एजेंसियों की नाकामी बताते हुए इसे दुस्प्रचार कहा था।
13 वर्ष पहले का वो दिन जब ढेर हुआ था इन्सानियत का दुश्मन
गिलानी और राइस के बयानों से इतर आइए आपको लादेन के खात्मे की कहानी यानी ‘ऑपरेशन एबटाबाद’ की इनसाइड स्क्रिप्ट बताते हैं कि ऐसे ही अमेरिका को दुनिया का दारोगा नहीं बोला जाता। अपने हितों को बचाने और अपनी कसम पूरा करने के लिए अमेरिका ने लादेन को अपनी स्टाइल में मार गिराया। 13 वर्ष पहले 2 मई की तारीख को ओसामा बिन लादेन को मारने की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई और कैसे मात्र 9 मिनट में ऑपरेशन पूरा किया गया वो जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
लादेन के खात्मे की अनसुनी कहानी
अमेरिकी एजेंट लादेन का पता लगाने में दुनिया का कोना कोना स्कैन कर रहे थे। अचानक साउथ एशिया को खंगालते समय दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA को पाक में एक बंगले का पता लगा, जहां कई चीजें बाकी घरों से काफी अलग थीं। पाक में फौजी छावनी के निकट यानी एबटाबाद स्थित इस घर में खिड़कियां तो थीं, लेकिन हमेशा बंद रहतीं। इस घर के चारों तरफ ऊंची दीवारें मकान को ऐसे घेरे हुए थीं। मानो किसी कारावास की बैरक हो। इससे भी अमेरिकी जासूसों को संदेह गहराया। सीआईए के एजेंटों को एक बात और खटक रही थी कि जिस मकान में कभी कोई दिखाई न देता हो आखिर वहां पर आवश्यकता से अधिक कपड़े सूखने के लिए कौन फैलाता था?
तत्कालीन राष्ट्रपति की आत्मकथा में खुलासा
पूर्व यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा की बॉयोग्राफी ‘ ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में लादेन के खात्मे की पूरी स्क्रिप्ट को कहा गया है। पुस्तक में लिखे तथ्यों के अनुसार वर्ष 2009 में ओबामा ने व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ और CIA के चीफ और अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की। उन्होंने इस मीटिंग में बोला कि हर महीने रिपोर्ट चाहिए कि उसे ढूंढने और उसके खात्मे के लिए हमने क्या किया?
आगे जब अमेरिका जासूसों ने अपने सर्च ऑपरेशन को तेज किया तो उन्हे ‘अबू अहमद अल-कुवैती’ के बारे में पता चला, जो आतंकवादी संगठन अल-कायदा के लिए मैसेंजर का काम करता था। वो लादेन का करीबी था। उसकी 24*7 ट्रैकिंग हुई। इस तरह वो पाक की राजधानी इस्लामाबाद से 135 किलोमीटर दूर एबटाबाद के बाहरी क्षेत्र में बने उस बड़े अहाते तक पहुंचे जहां के एक घर की गतिविधियां काफी समय से संदिग्ध थीं।
Operation Neptune Spear: ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर
इस ऑपरेशन को यूनाइटेड स्टेट्स नेवल स्पेशल वारफेयर ग्रुप से संबद्ध यूनाइटेड स्टेट्स नेवी सील्स की यूनिट ने खुफिया एजेंटो के साथ अंजाम दिया था। इस टीम ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर चलाने से पहले उस अहाते का बारीकी से अध्यन किया। क्योंकि उस बिल्डिंग की संरचना भी संदिग्ध थी। मानों उस बिल्डिंग को किसी खास मिशन के लिए बनाया गया हो। उस घर की बालकनी के सामने दीवार थी उस घर में कोई भी इलेक्ट्रानिक डिवाइ नहीं था। वहां इंटरनेट, लैंडलाइन और सैटेलाइट टेलीफोन कुछ भी नहीं था। अमेरिकी नेवी सील के कमांडो ने सफल ऑपरेशन चलाया और रात के एक बजे आतंक के सरगना को समाप्त कर दिया।
कौन था लादेन?
ओसामा बिन लादेन सऊदी में जन्मा ओसामा इन्सानियत का शत्रु और एक आतंकी था। जो 1988 से 2011 में अपनी मृत्यु तक आतंकवादी संगठन अल-कायदा का संस्थापक और अमीर रहा। अलकायदा को संयुक्त देश सुरक्षा परिषद, नाटो, यूरोपियन यूनियन समेत कई राष्ट्रों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया था। उसने अमेरिका में 9/11 हमलों को अंजाम देकर दुनिया को हिला दिया था।