राजनीतिक भ्रष्टाचार के मामले ने पार्टी के लिए ‘एक बड़ी और भारी बाधा’ की पैदा :पीएम किशिदा
तोक्यो . जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने मंगलवार को बोला कि गत रविवार को हुए उपचुनाव में उनकी सत्तारूढ़ पार्टी की बड़ी हार की वजह सियासी करप्शन का एक मुद्दा है और वह इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए पद नहीं छोड़ेंगे या पार्टी पदाधिकारियों को नहीं बदलेंगे. किशिदा ने बोला कि इसके बजाय वह करप्शन निरोधक तरीकों और सियासी सुधारों पर ध्यान देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन परिणामों को गंभीरता से लेता हूं और मेरा विश्वास है कि सत्तारूढ़ पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते हमें चुनौतियों से निपटना चाहिए और रिज़ल्ट हासिल करने चाहिए और इस तरह से मैं जिम्मेदारी लूंगा.’’
किशिदा ने कहा, ‘‘मैं ऐसा करके जनता का विश्वास फिर से हासिल करुंगा.’’ उन्होंने बोला कि सियासी करप्शन के मुद्दे ने पार्टी के लिए ‘एक बड़ी और भारी बाधा’ पैदा की है. यह भ्रष्टाचार किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के दर्जनों सांसदों से जुड़ा है, जिन्होंने कथित तौर पर लेखांकन रिपोर्टों में हेराफेरी करके फायदा कमाया. चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने के प्रश्न पर किशिदा ने बोला कि वह त्याग-पत्र नहीं देंगे और ना ही एलडीपी के शीर्ष पदों पर नेताओं को बदलेंगे. उन्होंने सियासी वित्तपोषण कानून में संशोधन समेत सांगठनिक और सियासी सुधार जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया.
उन्होंने आर्थिक मुद्दों से निपटने की भी प्रतिबद्धता जताई. किशिदा की प्रतिनिधित्व वाली एलडीपी नागासाकी, शिमाने और तोक्यो में रविवार को हुए संसदीय उपचुनाव में हार गई. मुख्य विपक्षी दल ‘कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान’ ने इन तीनों सीट पर जीत दर्ज की जो पहले एलडीपी के खाते में थीं. एलडीपी के लिए इस निराशाजनक चुनाव रिज़ल्ट को पिछले वर्ष सामने आए करप्शन से उसके तार कथित तौर पर जुड़े होने के कारण मतदाताओं द्वारा दी गई सजा के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि किशिदा की पार्टी के सत्ता से जाने की आसार नहीं लगती. रविवार के चुनाव में हार को किशिदा के लिए झटके के रूप में जरूर देखा जा रहा है.