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ताइवान में आया शक्तिशाली भूकंप, 25 वर्षों में सबसे ज्यादा तबाही, लापता लोगों की खोजबीन जारी

नई दिल्ली: ताइवान में 7.7 तीव्रता वाले विध्वंसक भूकंप के कारण पूरे राष्ट्र में भोजन की व्यापक कमी हो गई है. अब तक दस लोगों की मृत्यु और एक हजार से अधिक लोगों के घायल होने की समाचार है, लेकिन ये आंकड़ा काफी बढ़ सकता है इसका कारण यह है कि अकेले राजधानी ताइपे में कई ऊंची इमारतें बिना बताए ढह गई हैं. ऐसी इमारतों के गिरने के वीडियो और फोटोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं पूरे ताइवान में बिजली पूरी तरह से बाधित हो गई है इंटरनेट ठप है एयरपोर्ट बंद करना पड़ेगा

बिजली कटौती के कारण पूरे ताइवान में शहरों में चलने वाली मेट्रो के साथ-साथ ट्रेन सेवाएं भी बाधित हो गई हैं. ताइवान में आया यह भूकंप पिछले 25 वर्षों में आया सबसे भयंकर भूकंप था इससे पहले 1999 में ताइवान के नॉननेट काउंटी में आए भूकंप में 2,500 से अधिक लोग मारे गए थे और एक लाख से अधिक घायल हुए थे. इसके साथ ही इस भूकंप ने गुजरात में 2001 में कच्छ में आए विध्वंसक भूकंप की याद दिला दी

इस भूकंप के झटके चीन के शंघाई तक महसूस किये गये चीन के फ़ूज़ौ, ज़ियामेन झोउयानझोउ और निंगडे में भी झटके आए.

भूकंप के 15 मिनट बाद जापान के योग्यकार्ता द्वीप पर करीब 1 मीटर ऊंची सुनामी दर्ज की गई इस भूकंप के कारण जापान के दो द्वीपों पर विशाल सुनामी फैल गई. इस भूकंप का असर कुछ हद तक पश्चिमी कनाडा के वैंकूवर तक फैला है. इसका असर अमेरिका के पश्चिमी तट पर भी पड़ा है

आम तौर पर: रिक्टर पैमाने पर पांच अंक तक की तीव्रता वाले भूकंप बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बनते हैं. वहीं ताइवान में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया है जिससे भारी तबाही होना तय लग रहा है ताइवान के उत्तर में चीन की मुख्य भूमि के दक्षिण-पूर्व और पूर्व में भी भूकंप महसूस किया गया. ताइवान में भूकंप के कारण एक पांच मंजिला इमारत झुक गई. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है

इस भूकंप के कारण फिलीपींस में तुरंत सुनामी की चेतावनी घोषित कर दी गई. वहीं ताइवान में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं इस भूकंप के कारण कई ऐतिहासिक जगहों को भी भारी हानि पहुंचा है यहां तक ​​कि राष्ट्र की धरोहर संपत्तियों में भी दरारें आ गई हैं. तो कुछ लापरवाही है

ताइवान की राजधानी ताइपे में केंद्रीय मौसम प्रशासन के निदेशक वू-चिएन-कू ने बोला कि भूकंप के झटके न सिर्फ़ पूरे राष्ट्र में, बल्कि ताइवान के आसपास के द्वीपों में भी महसूस किए गए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनी एक विद्यालय की इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई है जापान की सबसे बड़ी एयरलाइन निप्पॉन एयरलाइंस ने ओकिनावा और कागोशिमा क्षेत्रों से आने-जाने वाली सभी एयरलाइन सेवाएं रद्द कर दी हैं. पीएम मोदी ने ताइवान में आए भूकंप पर शोक जताया और आश्वासन दिया कि भूकंप से तबाह ताइवान की सहायता में हिंदुस्तान उनके साथ है

ताइवान दुनिया का अग्रणी चिप आपूर्तिकर्ता है

ताइवान में भूकंप केवल ताइवान तक ही सीमित नहीं है बल्कि दुनिया को बड़ा आर्थिक झटका दे सकता है ताइवान दुनिया का अग्रणी चिप आपूर्तिकर्ता है और एप्पल, सैमसंग और इंटेल को चिप्स की आपूर्ति करता है. एक एकल ताइवानी कंपनी, ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC), दुनिया के सेमीकंडक्टर चिप बाजार का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा रखती है. दूसरी कंपनी है फॉक्सकॉन भूकंप के बाद टीएसएमसी ने अपनी इकाइयां बंद कर दी हैं. इसकी फैक्ट्रियों को कितना हानि हुआ, इसका अभी पता नहीं चल पाया है. यदि ताइवान की फैक्ट्रियों को हानि पहुंचा तो अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लग सकता है इसका अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है ताइवान का सेमीकंडक्टर उद्योग 115 बिलियन $ का है और दुनिया के सेमीकंडक्टर बाजार का 20 फीसदी से अधिक हिस्सा है. अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर बाजार में ताइवानी कंपनियों की हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक है.

ताइवान में आए भूकंप के पीछे की वजह

ताइवान में आए भयंकर भूकंप से चीन, जापान समेत कई राष्ट्र हिल गए. सभी जानते हैं कि ताइवान पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर उपस्थित है. यानी इस क्षेत्र में भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियां अधिक होती हैं. ताइवान टेक्टोनिक प्लेटों की एक जटिल संरचना पर टिका हुआ है. आइए छोटी प्लेटों और फॉल्ट को छोड़कर सिर्फ़ बड़ी प्लेट और फॉल्ट को समझें. फिलीपीन सागर प्लेट रयूक्यू ट्रेंच के पास यूरेशियन प्लेट के नीचे झुकती है. यहाँ खाई का मतलब गहरी समुद्री खाई है. यूरेशियन प्लेट मनीला ट्रेंच के पास फिलीपीन सागर प्लेट के नीचे झुकती है. इन परिस्थितियों में, ताइवान द्वीपसमूह की भूमि तीन-परत सैंडविच की तरह है. यदि प्लेटों में से एक भी इससे प्रभावित होता है, तो दोनों खाइयाँ प्रभावित होती हैं. इतने बड़े पैमाने पर भूकंप आने के पीछे का कारण बड़े पैमाने पर दबाव का निकलना है. यह दबाव तब निकलता है जब टेक्टोनिक प्लेटें चलती हैं, टकराती हैं, ओवरलैप होती हैं, बल लगाती हैं या टूटती हैं.

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