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प्रवीण गुप्ता ने कहा, की कोई भी मतदाता मतदान केन्द्र तक पहुंच नहीं पाने के कारण न रहे मताधिकार से वंचित

 राजस्थान विधानसभा चुनाव- 2023 में सुगम और समावेशी मतदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश में दुर्गम, दूरदराज और कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में भी निर्वाचन विभाग द्वारा मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बोला कि कोई भी मतदाता मतदान केन्द्र तक पहुंच नहीं पाने के कारण मताधिकार से वंचित न रहे, इस दिशा में निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष तैयारियां की गई हैं. उन्होंने बोला कि प्रदेश में दुर्गम पहाड़ी इलाकों से लेकर, बहुत कम जनसंख्या वाले मरुस्थलीय क्षेत्र में भी मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे.

गुप्ता ने कहा कि सिरोही जिले के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4921 फुट की ऊंचाई पर स्थित शेरगांव के मतदाता इस साल पहली बार अपने ही गांव में मतदान कर पाएंगे. मतदान दल फोरेस्ट गार्ड की सहायता से घने जंगल में करीब 18 किलोमीटर तक पगडंडियों पर पैदल चल कर इस मतदान केन्द्र तक पहुंचेगा. उन्होंने बोला कि यहां 117 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया गया है. पहले शेरगढ़ के मतदाताओं को वोट देने के लिए दूरदराज के एक और उतरज गांव में मतदान केन्द्र तक आना होता था. इस बार, उतरज गांव में 238 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित बाड़मेर का पार गांव में महज 35 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया जा रहा है. बाड़मेर जिले के ही एक अन्य गांव मंझोली में 49 मतदाताओं के लिए पहली बार मतदान केंद्र बनाया जा रहा है. इस बार इस गांव के मतदाताओं को वोट देने के लिए पांच किमी दूर नहीं जाना पड़ेगा. कांटल का पार गांव में 50 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया जा रहा है.

गुप्ता ने कहा कि जैसलमेर के मेनाउ मतदान केंद्र पर सिर्फ़ 50 मतदाता हैं. मतदान के दिन वहां टेंट में एक अस्थायी बूथ स्थापित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में काली तीर मतदान केन्द्र भी पहली बार बनाया जाएगा. डांग क्षेत्र में स्थित इस मतदान केन्द्र पर 682 मतदाता हैं. पहले यहां के मतदाताओं को 7.5 किलोमीटर दूर स्थित मतदान केन्द्र पर जाना होता था.

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