अंतर्राष्ट्रीय

मालदीव के निलंबित मंत्री ने अब भारतीय झंडे का किया अपमान

मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना ने उस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाली एक तस्वीर साझा की थी, जिससे आक्रोश फैल गया था. पोस्ट, जिसे अब हटा दिया गया है, में एक विपक्षी पार्टी का अभियान पोस्टर दिखाया गया था, जहां द्वीप देश में संसदीय चुनावों से पहले पार्टी के लोगो को तिरंगे पर अशोक चक्र से बदल दिया गया था.

मरियम शिउना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित हैं और उन्होंने अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए अपने अब हटाए गए सोशल मीडिया पोस्ट का इस्तेमाल किया. पोस्ट में लिखा है, “एमडीपी बड़ी गिरावट की ओर बढ़ रही है. मालदीव के लोग उनके साथ गिरना और फिसलना नहीं चाहते.

मालदीव के मंत्री की पोस्ट पर भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने राष्ट्रपति मुइज्जू से शिउना के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. हंगामे के बाद शिउना ने माफी मांगने से पहले पोस्ट डिलीट कर दी.

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा मैं अपनी हालिया पोस्ट की सामग्री के कारण हुए किसी भी भ्रम या क्राइम के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं. यह मेरे ध्यान में लाया गया कि मालदीव की विपक्षी पार्टी एमडीपी को मेरी प्रतिक्रिया में इस्तेमाल की गई छवि भारतीय ध्वज से मिलती जुलती है. मैं चाहता हूं कि यह साफ करें कि यह पूरी तरह से अनजाने में था, और मुझे इसके कारण हुई किसी भी गलतफहमी पर खेद है.

शिउना ने बोला कि मालदीव हिंदुस्तान के साथ अपने संबंधों को गहराई से महत्व देता है और राष्ट्र का सम्मान करता है. यह घटना हिंदुस्तान और मालदीव के बीच राजनयिक टकराव के बीच सामने आई है, जो जनवरी 2024 में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप के दौरे के बाद प्रारम्भ हुआ था. अपनी यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की सुंदरता को बढ़ावा दिया, जिसके कारण शिउना सहित मालदीव के ऑफिसरों ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं.

तनाव के बावजूद, हिंदुस्तान मालदीव के लिए एक जरूरी आर्थिक भागीदार बना हुआ है, जो आयात का एक प्रमुख साधन और द्वीप देश के लिए चावल और दवा जैसी जरूरी वस्तुओं का प्रमुख प्रदाता है. नयी दिल्ली ने हाल ही में आनें वाले साल के लिए माले के लिए जरूरी वस्तुओं के आयात का कोटा नवीनीकृत किया है.

हालाँकि, हाल की घटनाओं से पता चलता है कि मालदीव में हिंदुस्तान विरोधी भावना बढ़ रही है, खासकर उन लोगों के बीच जो हिंदुस्तान की सेना उपस्थिति और असर के बारे में चिंताओं के कारण “इंडिया आउट” मंच पर अभियान चला रहे हैं. इस बीच, चीन ने मालदीव में अपना निवेश और असर बढ़ाना जारी रखा है, जिससे हिंदुस्तान के लिए स्थिति और जटिल हो गई है.

मालदीव ने हाल ही में वहां तैनात भारतीय सेना कर्मियों की वापसी का निवेदन किया, जिससे दोनों राष्ट्रों के बीच “परस्पर व्यावहारिक समाधान” खोजने की दिशा में चर्चा प्रारम्भ हुई. पिछले महीने, भारतीय कर्मियों का पहला जत्था मालदीव से बाहर चला गया, जिसकी पूर्ण वापसी की समय सीमा मई निर्धारित की गई थी.

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