अंतर्राष्ट्रीय

ताइवान की श्रम मंत्री ह्सु मिंग चुन को भारतीयों पर एक नस्ली टिप्पणी के चलते मांगनी पड़ी माफी

ताइपेः ताइवान की श्रम मंत्री ह्सु मिंग चुन को हिंदुस्तानियों पर एक नस्ली टिप्पणी के चलते माफी मांगनी पड़ी है मिंग चुन ने यह माफी एक विशेष क्षेत्र के भारतीय कामगारों की भर्ती करने की अपनी गवर्नमेंट की योजना को लेकर की गई अनुचित टिप्पणी के लिए मांगनी पड़ी दरअसल उन्होंने हिंदुस्तानियों को लेकर एक ऐसा कमेंट कर दिया, जिसके बाद उनकी कठिन बढ़ गई हालांकि उनके कमेंट्स से प्रतीत होता है कि नस्लभेदी टिप्पणी करने का ऐसा उनका कोई इरादा नहीं था मगर भारतीय कामगारों को लेकर उनकी ‘नस्ली’ टिप्पणी की कड़ी निंदा हुई थी इसके बाद उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली है

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने हाल में एक बयान जारी कर कहा था कि हिंदुस्तान और ताइवान के लोगों के बीच के संबंधों को बढ़ावा देने और ताइवान के उद्योगों में श्रम बल की कमी को दूर करने के लिए द्वीपीय राष्ट्र ने 16 फरवरी को हिंदुस्तान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं इसके अनुसार भारतीय मजदूरों की भर्ती की योजना है ताइवान सेंटल न्यूज एजेंसी (सीएनए) ने मंगलवार को समाचार दी थी कि भर्ती योजना की रूपरेखा पेश करते हुए श्रम मंत्री ने ताइवान के एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोला कि उनका मंत्रालय सबसे पहले पूर्वोत्तर हिंदुस्तान से कामगारों की भर्ती करेगा क्योंकि ‘‘उनकी त्वचा का रंग और खान-पान की आदतें हमारे करीब हैं’’ इसके साथ ही ह्सु ने बोला था कि वहां ‘‘ज्यादातर लोग ईसाई’’ हैं जो विनिर्माण, निर्माण और खेती में माहिर हैं

सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद ने ही श्रममंत्री को घेरा

खबर के अनुसार ह्सु ने बोला कि भर्ती की रणनीति विदेश मंत्रालय के आकलन पर आधारित है उनकी टिप्पणियों की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसद चेन कुआन-टिंग ने तीखी निंदा की उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ह्सु की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं, त्वचा का रंग और नस्ल प्रवासी कामगारों की भर्ती का आधार नहीं होना चाहिए’’ टिंग ने एक वीडियो पोस्ट में कहा, ‘‘संसद सदस्य होने के नाते मैं बोलना चाहता हूं कि ताइवान सभी वयक्ति को महत्व देता है भले ही वे किसी भी नस्ल, संस्कृति या धर्म के हों मेरा मजबूती से मानना है कि सभी पृष्ठभूमि के लोग सम्मान के हकदार हैं और मैं इस सिद्धांत को ताइवान में कायम रखने को प्रतिबद्ध हूं’’ संसदीय सुनवाई के दौरान मंगलवार सुबह ह्सु ने अपनी ‘अनुचित’ टिप्पणी के लिए माफी मांगी सीएनए की समाचार के अनुसार उन्होंने बोला कि ताइवान की श्रम नीति चाहे वह क्षेत्रीय कामगार के लिए हो या विदेशी कामगारों के लिए, समानता के आधार पर है और भेदभावपूर्ण नहीं है  (भाषा)

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