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पुरुषों के बिना रहने वाली अकेली महिला को मेडिकल सेंटर में काम करने पर तालिबान ने लगाया प्रतिबंध

Afghanistan News: जब से तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली है, तभी से वह वहां की जनता खासकर स्त्रियों के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहा है इसी कड़ी में तालिबानियों ने अकेले रहने वाली स्त्रियों के लिए फरमान जारी किया है तालिबान ने बोला है कि मर्दों के बिना यानी अकेली स्त्री जो पति या भाई के साथ नहीं रहती है, ऐसी स्त्रियों को ट्रैवल करने, मेडिकल सेंटर में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है

रिपोर्ट के मुताबिक यदि किसी स्त्री का पुरुष संरक्षक नहीं है, तो ऐसी स्त्रियों के ट्रैवल करने और मेडिकल सेंटर तक उनकी पहुंच पर अफगानिस्तान की तालिबान गवर्नमेंट ने प्रतिबंध लगा दिया है

रिपोर्ट में एक घटना का जिक्र किया गया है जिसमें अफगानिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ कंडक्ट के ऑफिसरों ने एक स्त्री को राय दी कि यदि वह हेल्थ केयर सेंटर में अपनी जॉब जारी रखना चाहती है तो वह विवाह कर ले क्योंकि ऐसी स्त्री का जो कि शादीशुदा नहीं है, जॉब करना ठीक नहीं है

उदारवाद का वादा भूल गया तालिबान

जब से तालिबान की गवर्नमेंट 2021 से सत्ता में आई है, तभी से अफगानिस्तान की स्त्रियों के लिए बुरी स्थिति प्रारम्भ हो गई तालिबान ने जब गवर्नमेंट बनाई, तब वादा किया था कि वह 20 वर्ष पुराने तालिबान की तरह नहीं होगा, बल्कि उदार तालिबान होगा लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, तालिबान लगातार लोगों खासकर स्त्रियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के खिलाफ अपने फरमान जारी करता रहता है कभी एजुकेशन, तो कभी रेडियो स्टेशन चलाने, कभी ब्यूटीपार्लर बंद करने जैसे फरमान पहले ही तालिबान जारी कर चुका है

यूएन भी कर चुका है तालिबान की निंदा

छठी कक्षा के बाद स्त्रियों के पढ़ाई करने पर भी रोक लगाने, ब्यूटी पार्लर बंद करने, स्त्रियों के कपड़े पहनने से जुड़े कई नियमों से पाक में स्त्रियों की स्थिति शोचनीय हो रही है इस पर कई बार तो स्वयं यूएन ने तालिबानी फरमानों की आलोचना की है तालिबान हिजाब न पहनने वाली स्त्रियों को अरैस्ट करता है 2022 के आदेश के मुताबिक केवल हिजाब में स्त्रियों की आंख ही दिखना चाहिए तालिबान के पिछले शासन में 1996 और 2001 के बीच इसी तरह का फरमान लागू था

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