अंतर्राष्ट्रीय

इन तीनों देशों ने अपने परमाणु साइट के पास नई फैसिलिटी की तैयार

Nuclear test sites Russia America China: दुनिया को परमाणु अप्रसार का ज्ञान देने वाले तीन अगुवा राष्ट्र अमेरिका (US), रूस (Russia) और चीन (China) तेजी से अपनी न्यूक्लियर टेस्ट साइट का विस्तार कर रहे हैं इन राष्ट्रों बीते कुछ वर्षों में अपने परमाणु परीक्षण स्थलों (Nuclear test sites) पर नयी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी किया है इस दौरान कुछ नयी सुरंगें खोदी गई हैं तो कहीं कुछ और बड़े व्यवस्था किए हैं ये तीनों देश जो नया खेल खेलने जा रहे हैं उससे पूरी इन्सानियत को खतरा हो सकता है, क्योंकि सेटेलाइट तस्वीरों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि इन तीनों राष्ट्रों ने अपने परमाणु साइट के पास नयी फैसिलिटी तैयार की हैं

परमाणु खतरे की ओर बढ़ी दुनिया?

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार विशेष रूप से प्राप्त सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि रूस, अमेरिका और चीन ने हाल के सालों में अपने परमाणु परीक्षण स्थलों पर नयी सुविधाएं बनाई हैं और नयी सुरंगें खोदी हैं, ऐसे समय में जब तीन प्रमुख परमाणु शक्तियों के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है रिपोर्ट में ये भी बोला गया है कि हालांकि अभी इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि रूस, अमेरिका या चीन तुरन्त किसी बड़े आसन्न परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं एक मिलिट्री स्टडी में एक प्रमुख एक्सपर्ट द्वारा प्राप्त और शेयर की गई ये तस्वीरें, कई साइट्स की तुलना में केवल तीन परमाणु परीक्षण स्थलों पर हुए हालिया विस्तार की ओर इशारा कर रही हैं

इन तीन साइट्स पर बढ़ी गतिविधियां

इनमें से एक साइट चीन द्वारा शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में संचालित की जाती है तो दूसरी रूसी साइट है जो आर्कटिक महासागर द्वीपसमूह में बनाई गई है वहीं तीसरी न्यूक्लियर टेस्ट साइट अमेरिका में नेवादा रेगिस्तान में संचालित की जाती है मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से संबद्ध जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज के प्रोफेसर जेफरी लुईस ने कहा, पिछले तीन से पांच सालों की सैटेलाइट फोटोज़ पहाड़ों के नीचे नयी सुरंगों, नयी सड़कों और भंडारण सुविधाओं के साथ-साथ साइटों के अंदर और बाहर आने वाले वाहनों की आवाजाही में बढ़ोत्तरी दिखाती हैं

इतनी तैयारी किसलिए?

उन्होंने कहा, वास्तव में बहुत सारे संकेत हैं जो हम देख रहे हैं जो सुझाव देते हैं कि रूस, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु परीक्षण फिर से प्रारम्भ कर सकते हैं हालांकि 1996 के व्यापक परमाणु परीक्षण द्वारा भूमिगत परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से उनमें से किसी भी राष्ट्र ने नए परमाणु परीक्षण नहीं किया है सीटीबीटी जैसी परमाणु अप्रसार परीक्षम संधि पर चीन और अमेरिका हस्ताक्षर कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की

बजट बढ़ाया क्या नए बम बनाने की होड़?

पूर्व खुफिया विश्लेषक और सेवानिवृत्त अमेरिका वायु सेना कर्नल सेड्रिक लीटन ने तीनों शक्तियों के परमाणु स्थलों की छवियों की समीक्षा की और एक समान निष्कर्ष पर पहुंचे उन्होंने बोला कि यह बहुत साफ है कि तीनों देशों, रूस, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने न सिर्फ़ अपने परमाणु शस्त्रागार को आधुनिक बनाने में, बल्कि परीक्षण के लिए जरूरी प्रकार की गतिविधियों को तैयार करने में भी बहुत समय, कोशिश और धन का निवेश किया है ये समाचार अब पूरी दुनिया में जंगल में लगी आग की तरह फैल चुकी है ऐसे में शांतिप्रिय राष्ट्रों की चिंता बढ़नी लाजिमी है वहीं दुनिया के अन्य थिंक टैंक भी ऐसी खबरों पर चिंता जता रहे हैं

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