ब्रिटेन में बसने वाले की चाह को लेकर भारतवंशी पीएम ऋषि सुनक के इस फैसले ने दिया बड़ा झटका
ब्रिटेन में बसने की चाह, पढ़ने की चाह हर एक भारतीय की होती है। लेकिन भारतवंशी पीएम ऋषि सुनक के एक निर्णय ने बढ़ा झटका दिया है। अप्रवासियों की संख्या पर लगाम लगाने का उनका निर्णय चर्चा में है। ब्रिटेन गवर्नमेंट ने राष्ट्र में अप्रवासियों की संख्या को कम करने के लिए सोमवार को कठोर कदमों की घोषणा की है। इनमें विदेशी कामगारों के लिए कौशल आधारित वीजा प्राप्त करने के लिए उच्च वेतन सीमा निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त परिवार के सदस्यों को अपने निर्भर के रूप में लाने पर रोक भी शामिल है। बैन का सबसे अधिक असर भारतीय विद्यार्थियों पर पड़ेगा। ब्रिटेन में यदि बाहरी देश के विद्यार्थियों की संख्या पर नजर डालें तो यह आंकड़ा 11.6 फीसद है जबकि चीन 11.2 फीसद के साथ दूसरे नंबर पर है। पिछले तीन वर्ष में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में करीब 272 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
इस तरह हिंदुस्तानियों पर होगा असर
ब्रिटेन के गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन में दिए एक बयान में खुलासा किया कि इस कार्रवाई के अनुसार स्वास्थ्य और देखभाल वीजा पर चिकित्सक अब अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अपने साथ नहीं ला सकेंगे। इस निर्णय का असर हिंदुस्तानियों पर भी पड़ेगा। कुशल मजदूर वीजा के माध्यम से ब्रिटेन आने के लिए आवेदन करने वालों के लिए वेतन सीमा वर्तमान 26200 ब्रिटिश पौंड से बढ़ाकर 38700 ब्रिटिश पौंड कर दी जाएगी। पारिवारिक वीजा श्रेणी के अनुसार आवेदन करने वालों पर भी समान वेतन राशि लागू होगी, जो वर्तमान में 18600 ब्रिटिश पौंड है। क्लेवरली ने संसद को कहा कि आव्रजन नीति निष्पक्ष, सुसंगत, कानूनी और टिकाऊ होनी चाहिए। ये नये नियम 2024 के पहले हॉफ से लागू किए जाएंगे। अगर रोजगार की बात करें तो रोमानिया के विद्यार्थियों (21.4 फीसद) के बाद भारतीय छात्र(11.9) जॉब पाने में सफल होते थे।
ब्रिटेन गवर्नमेंट को क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला
2023 के जून महीने के आंकड़ों के अनुसार करीब 52 530 अप्रवासी ब्रिटेन में दाखिल हुए। इनमें से करीब 85 फीसद गैरकानूनी ढंग से छोटी छोटी नावों के जरिए इंग्लैंड में घुसने में सफल हुए। ब्रिटेन गवर्नमेंट का मानना है कि इमीग्रेशन पर रोक की वजह से हर एक वर्ष अप्रवासियों की संख्या में करीब 3 लाख तक की कमी आएगी। हालांकि इस निर्णय को कई जानकार ठीक नहीं बता रहे हैं। उनके अनुसार बैन लगाने की वजह से राष्ट्र के विकास पर असर पड़ेगा