भारतीय मूल के दो व्यवसायी लंदन के मेयर पद के लिए लड़ रहे हैं चुनाव
लंदन मेयर का चुनाव बहुत अहम होता जा रहा है। दरअसल, भारतीय मूल के लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। इसका सबूत ब्रिटेन में भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनक हैं। एक नए घटनाक्रम में, भारतीय मूल के दो व्यवसायी लंदन की मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। मेयर सादिक खान को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
63 वर्षीय व्यवसायी तरुण गुलाटी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे दो भारतीय मूल के उद्यमियों में से एक हैं। उन्होंने पिछले वर्ष के अंत में हिंदुस्तान का दौरा किया था। इस बीच उन्होंने मेयर पद के लिए प्रचार भी प्रारम्भ कर दिया। एक अन्य उम्मीदवार, 62 वर्षीय उद्यमी श्याम भाटिया भी सियासी लड़ाई में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। सादिक खान के अतिरिक्त करीब 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। गुलाटी ने चुनावी नारे के रूप में ‘विश्वास और विकास’ पर बल दिया है, जबकि भाटिया ने ‘आशा के राजदूत’ का नारा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुलाटी ने अपने चुनाव अभियान के बारे में बोला कि ऐसी धारणा बढ़ रही है कि मौजूदा मेयर ने समर्थन खो दिया है। पार्टी के दूसरे मुख्य दावेदार के प्रति मतदाता काफी उदासीन नजर आ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने लंदन का अगला मेयर बनने के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।
उन्होंने आगे बोला है कि वह बिना किसी पार्टी विचारधारा या पूर्वाग्रह के विचारों और नीतियों के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। उन्होंने बोला कि उन्हें क्षेत्रीय लोगों से काफी इनपुट मिल रहे हैं। वे लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी प्रयास करेंगे। निर्णय लेने की प्रक्रिया में नागरिकों को शामिल करना भी संभव है।
दिल्ली में जन्मे सियासी सलाहकार तरुण गुलाटी 20 सालों से अधिक समय से लंदन में रह रहे हैं। उन्होंने बोला कि लंदन को सभी के लिए सुरक्षित बनाना, लंदन को पुनर्जीवित करना और समुदायों को मजबूत करना शहर की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।