यूएनडब्ल्यूटीओ ने पर्यटन को विषय के रूप में शामिल करने के लिए जारी की एक शैक्षणिक ‘टूलकिट’
विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने पर्यटन क्षेत्र को ‘‘आर्थिक और सामाजिक विकास का स्तंभ’’ बताते हुए राष्ट्र भर के हाई विद्यालय में इसे विषय के रूप में शामिल करने के लिए एक शैक्षणिक ‘टूलकिट’ जारी की है।
यूएनडब्ल्यूटीओ के महासचिव जुरब पोलोलिकाशविल ने यहां यूएनडब्ल्यूटीओ की 25वीं महासभा के दौरान ‘वैश्विक शिक्षा मंच’ में विद्यालयों में पर्यटन को एक विषय के रूप में शामिल करने और पूरे विश्व में अधिक पर्यटन अकादमियों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना किए जाने की वकालत की।
पोलोलिकाशविल ने कहा, ‘‘हम वर्तमान और भविष्य में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कर्मियों को प्रशिक्षण और सहायता देने, नियोक्ता की बदलती मांगों के अनुरूप उन्हें जरूरी कौशल एवं ज्ञान देने तथा वास्तव में एक लचीला एवं प्रतिस्पर्धी क्षेत्र विकसित करने में अपने सदस्य राष्ट्रों का योगदान करने की जरूरत को समझते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हाई विद्यालय में पर्यटन पाठ्यक्रम की आरंभ आर्थिक और सामाजिक विकास के स्तंभ के रूप में हमारे क्षेत्र की बढ़ती प्रासंगिकता को दर्शाती है। इसे संभव बनाने में पर्यटन मंत्रालयों का योगदान जरूरी होगा। यह भी उतना ही जरूरी है कि हम इस परिवर्तनकारी पहल की कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए हाई विद्यालय के पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ें।’’
इस ‘टूलकिट’ में न सिर्फ़ शिक्षा मंत्रालयों के लिए बल्कि माता-पिता, विद्यालय निदेशकों और शिक्षकों के लिए भी मॉड्यूल शामिल हैं।
‘इंडियन विद्यालय ऑफ हॉस्पिटैलिटी’ (आईएसएच) के सह-संस्थापक और व्यवस्था निदेशक कुणाल वासुदेव ने शनिवार को यहां हुए कार्यक्रम में ‘टूलकिट’ औपचारिक रूप से जारी की।
उन्होंने कहा, ‘‘निरंतर परिवर्तनशील इस क्षेत्र में सतत प्रगति के लिए नए शैक्षणिक कार्यक्रम जरूरी हैं।
हमारा उद्देश्य बदलाव को बढ़ावा देना और आतिथ्य क्षेत्र के दिग्गजों एवं परिवर्तन के वाहकों की अगली पीढ़ी को बढ़ावा देने में शिक्षा की अहम किरदार को रेखांकित करना है।’’
उन्होंने बोला कि यह ‘टूलकिट’ (किसी मामले को समझाने के लिए बनाया गया एक व्यापक दस्तावेज) पूरे विश्व में पर्यटन शिक्षा को बढ़ाने के लिए एक उपयोगी संसाधन है।
यूएनडब्ल्यूटीओ की कार्यकारी निदेशक नतालिया बायोना ने बोला कि प्रारंभिक चरण में पर्यटन शिक्षा और प्रशिक्षण देना जरूरी कौशल एवं ज्ञान विकसित करने का आधार बनता है।