अंतर्राष्ट्रीय

खालिस्तानी आतंकी पन्नू को कब और कहां मारने की कोशिश की,पढ़े खबर

DNA Analysis: रिएलिटी टीवी शो BIGG BOSS में एक अदाकारा ने बहुत फेसम डायलॉग कहा था पंजाबी भाषा में कहा गया वो डायलॉग कुछ ऐसा था कि- ‘त्वाडा कुत्ता टॉमी, साडा कुत्ताकुत्ता’ हमें लगता है कि इस डायलॉग का हिंदी तर्जुमा आपको बताने की आवश्यकता नहीं है इस डायलॉग पर हजारों MEME बन चुके हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले आप लोगों ने यकीनन इससे जुड़े MEME देखे होंगे आप सोच में पड़ गए होंगे कि समाचार का इस डायलॉग से क्या लेना देना है तो आपको बता दें कि हमारी समाचार खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़ी हुई है वही गुरपतवंत सिंह पन्नू जिसे हिंदुस्तान आतंकवादी कहता है और अमेरिका और कनाडा जैसे अपना नागरिक बताते हैं हाल ही में ब्रिटेन के अखबार Financial Times ने दावा किया कि, हिंदुस्तान ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका में जान से मारने की प्रयास की दावा है कि इस प्रयास को अमेरिकी एजेंसियों ने असफल कर दिया हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं कहा गया है कि खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू को कब और कहां मारने की प्रयास की गई

आतंकी पन्नू की मर्डर की कोशिश

Financial Times ने तो यहां तक दावा किया है कि आतंकवादी पन्नू की मर्डर की प्रयास के मुद्दे में अमेरिका ने हिंदुस्तान को Diplomatic Warning दी है Financial Times के अनुसार खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की मर्डर की प्रयास का मामला, न्यूयॉर्क की एक न्यायालय में चल रहा है अखबार के अनुसार इस सीलबंद मुकदमा को लेकर, अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट ये विचार कर रहा है, कि इसको हरदीप सिंह निज्जर के मुद्दे की जांच पूरी होने के बाद खोला जाए, या पहले आपका जानना महत्वपूर्ण है कि, इसी साल जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में कुछ अज्ञात लोगों ने मर्डर कर दी थी इस मुद्दे में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हिंदुस्तान पर मर्डर करवाने का इल्जाम लगाया था हालांकि इससे जुड़े कोई सबूत, उनके पास नहीं थे Financial Times की इस रिपोर्ट पर अमेरिकी गवर्नमेंट ने भी सहमति जताई है अमेरिका ने ये माना है कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे राष्ट्र अलगवावादी मानते हैं, उस पर हमले की षड्यंत्र से जुड़ी जानकारी, हिंदुस्तान गवर्नमेंट से साझा की गई है White House के प्रवक्ता Adrienne Watson ने बयान भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने बोला था कि अमेरिका इस मामले को बहुत गंभीरता से देख रहा है

भारत की नीति नहीं

अमेरिकी गवर्नमेंट ने इस मुद्दे को हिंदुस्तान गवर्नमेंट के उच्च स्तरीय ऑफिसरों के सामने उठाया है Watson के अनुसार हिंदुस्तान ने उत्तर भी दिया, जिसमें उन्होंने बोला कि इस तरह की घटनाएं अंजाम देना हिंदुस्तान की नीति नहीं है हिंदुस्तान इस मामले पर जांच कर रहा है, आने वाले दिनों में इस पर कई जानकारी सामने आ सकती हैं Watson के अनुसार अमेरिका ने उत्तरदायी लोगों पर कार्रवाई करने के लिए भी बोला है खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की मर्डर की प्रयास के इस मुद्दे में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से, एक प्रेस रीलीज जारी की गई जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने हिंदुस्तान को आतंकवादी पन्नू पर हुए हमले से जुड़ी कुछ जानकारी दी है, जिसकी जांच की जा रही है इसी के साथ भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है, कि ये Inputs संगठित अपराधियों, हथियारों के तस्करों और आतंकवादियों के बीच गठजोड़ को लेकर है इन जानकारियों को हिंदुस्तान भी गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर हिंदुस्तान हमेशा से गंभीर रहा है गुरपतवंत सिंह पन्नू को जुलाई साल 2020 में UAPA के अनुसार हिंदुस्तान ने खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया हुआ है इल्जाम है कि पन्नू, पंजाब को एक बार फिर से आतंक की आग में झोंकना चाहता हैं

पन्नू एक भगोड़ा आतंकी

गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ करीब 8 लोगों को खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया गया था इस तरह से NIA यानी National Investigative Agency ने भी गुरपतवंत सिंह पन्नू को एक भगोड़ा आतंकवादी घोषित किया है गुरपतवंत सिंह पन्नू पर हिंदुस्तान के भिन्न-भिन्न राज्यों में 20 से अधिक आपराधिक मुद्दे दर्ज हैं इनमें देशद्रोह, अलगाववाद, धमकी देना,आतंकी गतिविधियां और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने जैसे मुद्दे हैं साल 2022 में मोहाली में पुलिस हेडक्वार्टर पर RPG से हुए हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने स्वयं ली थी यानी हिंदुस्तान के लिए गुरपतवंत सिंह पन्नू, एक घातक खालिस्तानी आतंकवादी है जिसे वो हर मूल्य पर पकड़ना चाहता है लेकिन सच्चाई ये है कि हिंदुस्तान की ये इच्छा, अमेरिका और कनाडा में उपस्थित खालिस्तान समर्थकों की वजह से पूरी नहीं हो पा रही है आतंकवादियों को लेकर पश्चिमी राष्ट्रों के अंदर दोहरा मापदंड है

पश्चिमी राष्ट्रों की यही मानसिकता

पश्चिमी राष्ट्रों की इस परेशानी को सबसे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समझा था रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से कच्चा ऑयल लेने के मुद्दे में, उनसे पश्चिमी मीडिया ने एक प्रश्न पूछा था प्रश्न ये था कि भारत, रूस से कच्चा ऑयल क्यों खरीद रहा है इसके उत्तर में उन्होंने बोला था कि, पश्चिमी राष्ट्रों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी पश्चिमी राष्ट्रों को ये सोचना बंद करना होगा कि उनकी कठिनाई पूरे विश्व की परेशानी है, और बाकी राष्ट्रों की कठिनाई उनकी परेशानी नहीं है आतंकवादियों के मुद्दे में भी पश्चिमी राष्ट्रों की यही मानसिकता है आप सोचिए, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हो, या फिर गुरपतवंत सिंह पन्नू, कनाडा और अमेरिका जैसे देश, इनको अपना सभ्य नागरिक समझते हैं और ये लोग, पूरी दुनिया के सामने आकर, हिंदुस्तान को बर्बाद कर देने की बात तो करते ही हैं, साथ ही ये लोग अमेरिका और कनाडा में रहकर, हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों में लगे रहते हैं शिकायतों के बावजूद अमेरिका और कनाडा जैसे देश, इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं

अमेरिका-कनाडा के लिए ये आतंकवादी नहीं

हरदीप सिंह निज्जर हो, या फिर पन्नू, ये दोनों हिंदुस्तान के लिए खालिस्तानी आतंकवादी है बावजूद इसके अमेरिका और कनाडा के लिए ये लोग आतंकवादी नहीं है सोचिए, ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान और पाक जैसे राष्ट्रों के लिए आतंकवादी नहीं था लेकिन अमेरिका और NATO के लिए लादेन एक आतंकवादी था उसे मारने के लिए अमेरिकी सेनाएं, पाक के अंदर तक घुस गई थीँ गुप्त ऑपरेशन चलाया था, जिसकी जानकारी पाकिस्तानी हुक्मरानों को भी नहीं थी WAR ON TERROR के नाम पर अमेरिका दो राष्ट्रों पर हमले कर चुका है 2001 में उसने अफगानिस्तान पर धावा किया था, और करीब 20 सालों तक वो वहीं बना रहा इसी तरह से 2003 से लेकर 2011 तक उसने ईराक पर धावा किया, आतंकवाद और जैविक हथियारों के नाम पर उसने ईराक पर भयंकर बमबारी की थी उसे लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया था यही नहीं आतंकवाद के नाम पर अमेरिका ने पाकिस्तान, यमन, सीरिया,लेबनान औऱ जॉर्डन जैसे राष्ट्रों में DRONE हमले भी किए हैं New America Foundation के अनुसार अमेरिकी ड्रोन हमलों में पाक में करीब 3,700 लोग मारे गए हैं जिनमें आम नागरिक भी शामिल थे

पन्नू को हिंदुस्तान को सौंप देना चाहिए

जिस आदमी को अमेरिका, आतंकी मानता है, उसको पकड़ने या मारने के नाम पर, वो किसी भी राष्ट्र पर धावा कर देता है यानी उसकी नजर में क्या धावा झेलने वाले राष्ट्र की कोई संप्रभुता नहीं है अमेरिका ने अलकायदा के ओसामा बिना लादेन को पाक में, जवाहिरी को अफगानिस्तान में और isis के अबू बकर अल बगदादी को सीरिया में मार गिराया था अमेरिका एक ऐसा राष्ट्र है जो स्वयं की ओर से घोषित किए आतंकवादी को, किसी अन्य राष्ट्र में घुसकर मारने के बाद, बड़े शान से प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी उपलब्धियों का बखान करता है लेकिन ये वही राष्ट्र है जो हिंदुस्तान के घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अपनी नागरिकता दे देता है मतलब उसका आतंकी, आतंकवादी है, और हिंदुस्तान का आतंकी, उसका सभ्य नागरिक देखा जाए तो अमेरिका यदि सच में WAR ON TERROR चलाता है, तो उसे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को हिंदुस्तान को सौंप देना चाहिए लेकिन पश्चिमी राष्ट्रों की सबसे बड़ी कठिनाई ये है, कि वो स्वयं को बहुत महान देशों का समूह समझते हैं इसीलिए वो विश्व के अन्य राष्ट्रों को दोयम दर्जे का मानकर, उनकी परेशानियों के बारे में नहीं सोचते

पश्चिमी राष्ट्रों की पॉलिसी पर संदेह

पश्चिमी राष्ट्रों की खालिस्तान समर्थन वाली पॉलिसी पर शक करने का एक और कारण है अमेरिका, कनाडा,ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, FIVE EYES का हिस्सा हैं, जो खुफिया जानकारियां शेयर करती है | यानी खुफिया जानकारियों के मुद्दे में, ये चारों देश, एक दूसरे की सहायता करते हैं इसका एक मतलब ये भी है कि अपने Propaganda के लिए ये चारों राष्ट्र मिलकर काम भी कर सकते हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू पर हमले की प्रयास के मुद्दे में शक ये है, कि Five Eyes में शामिल ब्रिटेन के अखबार ने, इसी संगठन से जुड़े दूसरे देश, यानी अमेरिका में हुए तथाकथित हमले की प्रयास पर रिपोर्ट लिखी इसी पर अमेरिका ने हिंदुस्तान से प्रश्न उत्तर भी कर लिए जबकि ब्रिटिश अखबार ने धावा कब हुआ, कैसे हुए, कहां हुआ, इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी है

कनाडा इस मुकदमा में बुरी तरह फंसा

हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर के मुद्दे में भी कनाडा ने हिंदुस्तान पर आधारहीन इल्जाम लगाए थे जिसमें शुरुआती दौर में अमेरिका और ब्रिटेन ने उसका साथ दिया था लेकिन जब इस हमले से जुड़े कोई सबूत हिंदुस्तान के विरुद्ध नहीं गए, तब अमेरिका और ब्रिटेन पीछे हट गए कनाडा इस मुकदमा में बुरी तरह फंस गया था इससे संदेह ये पैदा होता है कि आखिर अमेरिका, कनाडा,ब्रिटेन मिलकर खालिस्तानी आतंकवादियों को पक्ष में क्यों खड़े हैं, और बिना सबूत वो हिंदुस्तान पर इल्जाम क्यों लगा रहे हैं अमेरिका और कनाडा ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को अपनी-अपनी नागरिकता भी दी हुई है जबकि वो हिंदुस्तान से भागा हुआ आतंकवादी है अमेरिका हो या फिर कनाडा, इन राष्ट्रों को अपने यहां उपस्थित खालिस्तानी आतंकवादियों की करतूत नहीं दिखाई देती हैं अक्सर आतंकवादी पन्नू के धमकी भरे वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाते हैं हिंदुस्तान के विरुद्ध वो काफी जहर उगलता है, और हिंदुस्तान की बर्बादी के सपने देखता है पिछले काफी समय से उसका आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस भारतीय राजदूतों को भिन्न-भिन्न राष्ट्रों में टारगेट करता रहा है

पन्नू के मुद्दे में हिंदुस्तान से सवाल-जवाब

जो अमेरिका आतंकवादी पन्नू के मुद्दे में हिंदुस्तान से प्रश्न उत्तर कर रहा है, उसके आतंकवादी संगठन ने न्यूयॉर्क के हिक्सविले गुरुद्वारे में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ बदसलूकी की हम आपको इस घटना से जुड़ी फोटोज़ दिखा रहे हैं इस वीडियो में जो आवाजें हैं, वो हम आपको नहीं सुना सकते हैं, क्योंकि उसमें हिंदुस्तान के विरोध में बहुत सारी बातें कही गई हैं यही नहीं गुरुद्वारे में उपस्थित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने गुरपतवंत सिंह पन्नू और निज्जर के समर्थन में नारेबाजी भी की इससे पहले इसी साल सितंबर में सिख फॉर जस्टिस के ही समर्थकों ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया था खालिस्तान समर्थकों ने उनके साथ भी बदसलूकी की थी दरअसल तरनजीत सिंह संधू को हिक्सविले गुरुद्वारे में सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था वहां उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया उन्होंने अफगानिस्तान से सिखों को बाहर निकालने के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट के प्रयासों को बारे में बताया, जिसको वहां के सिख समुदाय ने सराहा इस कार्यक्रम में बवाल खड़ा करने और अपने प्रोपेगेंडा के लिए ही खालिस्तानी समर्थकों ने बवाल किया था हालांकि गुरुद्वारे में उपस्थित सिखों के विरोध की वजह से खालिस्तानी समर्थक कुछ देर बाद से चले गए

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