आदिवासी संगठनों ने निकाला न्याय आक्रोश मार्च, कहा…
रांची : राजधानी में बुधवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और आदिवासी जमीन की लूट के विरोध में ‘न्याय आक्रोश मार्च’ निकाला। इसमें शामिल लोगों ने इल्जाम लगाया कि स्वतंत्र एजेंसी इडी का दुरुपयोग करते हुए षड्यंत्र के अनुसार हेमंत सोरेन को कारावास भेजा गया है। वहीं, प्रदर्शन कर रही स्त्रियों ने बोला कि वे ‘जनी शिकार’ की तर्ज पर सड़कों पर निकलेंगी और कारावास का फाटक तोड़ कर हेमंत सोरेन को रिहा करायेंगी। यह भी बोला कि झारखंड की खनिज संपदा को राज्य से बाहर नहीं जाने दिया जायेगा।
‘न्याय आक्रोश मार्च’ के अनुसार विभिन्न आदिवासी संगठनों ने शहर के भिन्न-भिन्न हिस्सों में अपने-अपने ढंग से विरोध-प्रदर्शन किया। इसमें शामिल लोग पारंपरिक वेशभूषा में नगाड़ा और मांदर जैसे वाद्ययंत्रों लेकर पहुंचे थे। कई लोग तीर-धनुष जैसे पारंपरिक हथियार भी लिये हुए थे। सरना झंडा लेकर चल रहे लोग ‘जेल का फाटक टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा…’, ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद…’ जैसे नारे लगा रहे थे। केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की के नेतृत्व में एक समूह बिरसा समाधि स्थल से लालपुर, अलबर्ट एक्का चौक होते हुए मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका पहुंचा। वहीं, अलबिन लकड़ा के नेतृत्व में मोरहाबादी के सिदो-कान्हू पार्क से बाइक रैली निकाली गयी। कुंदरसी मुंडा के नेतृत्व में एक अन्य गुट ने मोरहाबादी मैदान से रैली निकाली, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मोरहाबादी मैदान में पहुंचकर खत्म हुई। एचइसी विस्थापित परिवार भी इन्साफ मार्च में शामिल हुआ।
तानाशाही कर रही केंद्र सरकार
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने बोला कि जिस तरह से मात्र आठ एकड़ भुइंहरी जमीन की खरीद-बिक्री के झूठे मुद्दे में हेमंत सोरेन को कारावास भेजा गया है, उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। केंद्र गवर्नमेंट तानाशाही पर चल रही है। उन्हें हेमंत सोरेन जैसा आदिवासी सीएम बर्दाश्त नहीं है। राहुल उरांव ने बोला कि जहां भी विपक्षी दलों की गवर्नमेंट होती है, केंद्र गवर्नमेंट इडी लगाकर उसे गिराने की प्रयास करती है।