झारखण्ड

कैसा होता है जेल में कैदियों का डेली रूटीन, जिसे एम्‍स के डॉक्‍टर ने दी अपनाने की सलाह

तिहाड़ हो या डासना कारावास का नाम सुनते ही आपको भी मोटी-मोटी सलाखें और उनके पीछे बैरकों में बंद कैदी ही दिखाई देते होंगे या फिर फिल्‍मों में दिखाए गए कैदियों के सीन ही आंखों के सामने आते होंगे आपको लगता होगा कि वे कैसे नहाते होंगे, कैसे खाते होंगे, दिनभर क्‍या करते होंगे, क्‍या ही जीवन है उनका, लेकिन यदि आपसे बोला जाए कि वे आपसे भी बेहतर जीवन जी रहे हैं, उनका डेली रूटीन इतना अच्‍छा होता है कि डॉक्‍टर भी इसे अपनाने की राय दे रहे हैं, तो शायद आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन ये सौ फीसदी सच है

तिहाड़ कारावास में साइकेट्रिस्‍ट डाक्टर विवेक रुस्‍तगी बताते हैं कि तिहाड़ कारावास सहित दिल्‍ली की 16 जेलों में बंद कैदी प्रतिदिन उस रूटीन को फॉलो करते हैं जो हमे बचपन से लेकर अब तक पढ़ाया जाता रहा है और हमारे माता-पिता हर रोज हमें इसकी सीख देते हैं लेकिन सेडेंट्री या भागदौड़ भरी लाइफस्‍टाइल जी रहे जॉब पेशा लोग उस रूटीन को नहीं अपनाते हैं और डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थाइरॉइड, यूरिक एसिड, कॉलेस्‍ट्रॉल जैसे लाइफस्‍टाइल डिसऑर्डर्स से जूझ रहे हैं

ये है तिहाड़ कारावास के कैदियों का डेली रूटीन

सुबह 4 बजे उठना
5-5: 30 बजे तक सुबह की चाय
.8 बजे दूध ब्रेड या दलिया का नाश्‍ता
.11:30 बजे लंच (रोटी, दाल, चावल और सब्‍जी)
दोपहर में 3 बजे चाय और बिस्‍कुट
शाम को 6 बजे डिनर
रात को 10 बजे तक सो जाना

एक्‍सरसाइज के साथ मेहनत भी करते हैं कैदी
डॉ रुस्‍तगी कहते हैं कि जेलों में बंद कैदी केवल खाते-पीते और रहते ही नहीं हैं बल्कि एक्‍सरसाइज, योगासन, प्राणायाम करने के अतिरिक्त खूब घूमते भी हैं जेलों में कैदियों से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का काम करवाया जाता है इसके बदले इन्‍हें मेहनताना भी मिलता है जिससे ये फिट रहते हैं

एम्‍स के डाक्टर ने कहा बेस्‍ट रूटीन
ऑल इण्डिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रेडियोडायग्‍नोसिस विभाग के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डाक्टर अमरिंदर माल्‍ही कहते हैं कि जो लोग बेस्‍ट डेली रूटीन जानना और फॉलो करना चाहते हैं उन्‍हें कारावास के कैदियों का रूटीन फॉलो करना चाहिए इससे बेस्‍ट डेली रूटीन नहीं मिल सकता माल्‍ही कहते हैं कि यदि हमें लाइफस्‍टाइल संबंधी बीमारियों, हार्ट अटैक, ब्रेन स्‍ट्रोक आदि रोंगों से बचना है तो ये प्रतिदिन इस दिनचर्या को अपनाना चाहिए यह हिंदुस्तान का कन्‍वेंशनल रूटीन है, जो आजतक हमारे बुजुर्ग हमें सिखाते आ रहे हैं

ये हैं इस रूटीन के लाभ
डॉ माल्‍ही कहते हैं कि सुबह 4 बजे उठना स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला तो है ही, उससे भी ज्‍यादा लाभ वाला है रात को 10 बजे तक सो जाना रात में 10 बजे से सुबह 4 बजे तक हमारे शरीर में हार्मोन्‍स सबसे बेहतर गति में काम कर रहे होते हैं इस दौरान सोने से शरीर में कभी हार्मोनल असंतुलन नहीं होगा हाइपरटेंशन, शुगर जैसी बीमारियां दूर रहेंगी इसके अतिरिक्त कैदियों का सुबह 8 बजे नाश्‍ता, साढ़े 11 से 12 बजे तक लंच और शाम को 6 बजे डिनर स्वास्थ्य के लिए रामबाण है हम सभी को यही दिनचर्या अपनानी चाहिए

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