झारखण्ड

रांची के झिरी में 33 एकड़ में फैला कचरे का निस्तारण बायोरेमेडिएशन तकनीक से हुआ शुरू

रांची: झारखंड के रांची शहर के 2.40 लाख घरों से निकलने वाले कचरे को रांची नगर निगम शहर से 15 किलोमीटर दूर झिरी में डंप करता है पिछले 25 वर्षों से लगातार कचरा फेंके जाने के कारण यहां के 33 एकड़ क्षेत्रफल में 18 लाख टन कचरा जमा हो गया है एक ही स्थान पर लगातार कचरा डंप करने से इसने पहाड़ की शक्ल ले ली है, लेकिन अब इस कचरे का निस्तारण बायोरेमेडिएशन तकनीक से प्रारम्भ कर दिया गया है इसके लिए गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा यहां प्लांट लगाया गया है कंपनी यहां जमा कचरे के ढेर को पोकलेन से निकालकर इकट्ठा करती है फिर कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से इसे भिन्न-भिन्न किया जाता है इसमें जो खाद बनने वाली सामग्री होती है, उससे खाद बनाया जायेगा वहीं सूखा और ठोस कचरा को प्रोसेस्ड कर आरडीएफ में बदला जायेगा इस पूरी प्रक्रिया में वर्तमान कचरे का मात्र 10 फीसदी बचेगा फिर इस आरडीएफ को इस्तेमाल करने के लिए सीमेंट फैक्ट्री में भेज दिया जायेगा

कचरे के पहाड़ को समाप्त करने में 93 करोड़ रुपये होंगे खर्च
झिरी के इस कचरे के पहाड़ को समाप्त करने के लिए रांची नगर निगम 93 करोड़ रुपये खर्च करेगा इस पूरी प्रक्रिया में दो वर्ष का समय लगेगा कंपनी द्वारा जनवरी में यहां कचरा निस्तारण का कार्य प्रारम्भ किया गया है इससे रिंग रोड के किनारे के कई पहाड़ों से कचरा कम हो गया है वर्तमान में तीन माह में कंपनी द्वारा 15 फीसदी कचरे का निस्तारण कर दिया गया है

 

मच्छरों के प्रकोप से लोगों को मिलेगी मुक्ति
33 एकड़ में फैले इस कचरे के पहाड़ के कारण इसके आसपास के पांच किमी के दायरे में मच्छरों का प्रकोप बेतहाशा बढ़ गया है नतीजा यहां केे लोग बेड पर मच्छरदानी लगाने के अतिरिक्त खिड़की और दरवाजे में भी मच्छरदानी टांगने को मजबूर हैं बरसात के दिनों में जब यह कचरे का पहाड़ भीग जाता है, तो इसकी खट्टी बदबू दूर तक फैल जाती है ऐसे में आशा की जा रही है कि जब यह कचरे का पहाड़ पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा, तो यहां के लोगों को मच्छरों के साथ-साथ इस बदबू से भी राहत मिलेगी

 

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