विकास के साथ-साथ आंतरिक विकास की ओर ध्यान देने की जरूरत : गदाधर दास प्रभु
हजारीबाग गौरांग सेवा फाउंडेशन हजारीबाग द्वारा आयोजित गौर पूर्णिमा महोत्सव श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. आध्यात्मिक कार्यक्रम के दूसरे दिन क्षेत्रीय मटवारी गांधी मैदान के प्रांगण में नृसिंह महायज्ञ यज्ञ का भी आयोजन किया गया है. वही गुरुकुल के बच्चों द्वारा भव्य कीर्तन के साथ नृत्य प्रतियोगिता भी आयोजन किया गया. प्रसाद ग्रहण करने हजारों भक्त गांधी मैदान पहुंचे.
वहीं मौके पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक दास गदा धर दास प्रभु भक्तों को संबोधित करते हुए बोला कि हजारीबाग में सभी प्रकार के लोगों को एक साथ आने का उत्सव निमित बन चुका है. जिसमे ईश्वर के नाम से जुड़ने का और उनकी कथा सुनने का एवं महा प्रसाद ग्रहण करने का अविरल अवसर सभी नगरवासियों को मिला है. इसे समाज में आपसी प्रीति रेट और सामूहिक कार्य करके आपसी जुड़ाव बढ़ाने का एक त्योहार है. ईश्वर कृष्ण और राम के जीवनी एवं श्री चैतन्य महाप्रभु के भक्ति मार्ग अवलंबन करने का अवसर सबको मिला है.
देश को ये संदेश हजारीबाग की धरा भूमि से की जा रही है.वहीं गौरांग सेवा फाउंडेशन के निर्देशक ने बोला कि अब बारी है आंतरिक बदलाव लाने की. विकास के साथ साथ आंतरिक विकास के ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. समाज मे बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए अध्यात्म की ओर जोड़ने का कोशिश करना है. बोला नगर विकसित होगी तो राज्य विकसित होगा और राज्य विकसित होगा तो देश विकसित होगा. विकसित देश को लेकर हम विश्व गुरु के ओर अग्रसर हो रहे है. मौके पर कार्यक्रम संयोजक उतान पाद प्रभु, भंडारा एवं महाप्रसाद संयोजक दिलीप कुमार, संयोजक संजीत सिंह, रुक्मणी देवी दासी, श्रवण कुमार, शैलेश सिंह, लग्नेश प्रभु, नीरज प्रभु, रंजन प्रभु, अशोक सिंह, विश्वनाथ प्रभु, सहित हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए.