हेमंत सोरेन को इन वजहों से देना पड़ सकता है इस्तीफा
रांची। वर्ष 2024 के आगाज के साथ झारखंड में हेमंत सोरेन गवर्नमेंट के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई है। हर किसी की जुबां पर इन दिनों कुछ प्रश्न आ रहे हैं कि हेमंत सोरेन गवर्नमेंट का क्या होगा, सीएम हेमंत सोरेन का क्या होगा, कौन होगा झारखंड मुख्यमंत्री का अगला चेहरा? झारखंड के ताजा सियासी हालात में इसी तरह के कई प्रश्न उठ रहे हैं। दरअसल इन प्रश्नों के उठने की वजहों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई एक बड़ी वजह है। रांची के बड़गाई अंचल में जमीन की खरीद बिक्री में गड़बड़ी को लेकर अब तक सीएम हेमंत सोरेन को 7 समन भेजा जा चुका है।
जानकारों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा एक के बाद एक समन भेजना और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नहीं जाना , भविष्य में कुछ बड़ा होने का संकेत देने के लिए काफी है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगातार प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण, राजनीतिक, कानून के उल्टा भी कहा है। हेमंत सोरेन के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय मीडिया ट्रायल कर रही है। मुख्यमंत्रीआवास पर समन पहुंचने से पहले मीडिया में इसकी जानकारी को लेकर हेमंत सोरेन ने प्रश्न उठाया है।सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान हेमंत सोरेन खुले मंच से यदि मैं गुनेहगार हूं , तो मुझे अरैस्ट करो की चुनौती दे चुके है।
इन कारणों की वजह से इस्तीफे की हो रही चर्चा
CM हेमंत सोरेन इससे पहले रांची के अनगड़ा में खदान लीज मुद्दे में भी चर्चा में रह चुके है। राजभवन में बंद लिफाफा इसी खदान लीज मुद्दे से जुड़ा है। जिसमें ये इल्जाम लगाया गया है कि सीएम पद पर रहते हुए उन्हें अपने नाम से खदान का लीज आवंटन कराया। भाजपा नेताओं के द्वारा गवर्नर को लिखित कम्पलेन के बाद इसे चुनाव आयोग के समक्ष भेजा गया था, जिसके बाद चुनाव आयोग के मंतव्य को लेकर बंद लिफाफा अभी खुला नहीं है। इसी तरह साहिबगंज में 1 हजार करोड़ के खनन भ्रष्टाचार को लेकर भी इल्जाम लग चुके है। प्रवर्तन निदेशालय ने 1 हजार करोड़ के खनन भ्रष्टाचार पर अपनी जांच को बहुत आगे तक बढ़ाया भी है। इस समय इसी मुद्दे में कई लोग होटवार कारावास में बंद है। इसमें सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
जानें क्यों सामने आया कल्पना सोरेन का नाम?
ये कुछ ऐसे मुद्दे है जिसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। बोला ये जा रहा है कि कभी भी कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है | शायद यही वजह है कि सीएम हेमंत सोरेन ने भविष्य को लेकर तैयारी प्रारम्भ कर दी है। इसी कड़ी में गांडेय सीट से सरफराज अहमद का त्याग-पत्र देना शामिल है। इस इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम तेजी से आगे बढ़ा है। ऐसे में इन कारणों की वजह से झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के त्याग-पत्र देने की चर्चा तेज हो चुकी है।
सत्ता की चाबी अपने पास रखने की प्रयास करेंगे सोरेन
हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने इसी खारिज करते हुए भाजपा की कल्पना करार दिया है। यदि नेतृत्व बदलाव जैसी कोई बात सामने आती है तो सीएम हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, मंत्री जोबा मांझी, मंत्री चंपई सोरेन और विधायक सविता महतो पर भी सबकी निगाहें टिकी होंगी। जानकारों के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन की प्रयास आखिरी समय तक सत्ता की चाबी अपने पास रखने की होगी | इधर गवर्नर सी पी राधाकृष्ण के चिन्नई चले जाने से भी सत्ता पक्ष के अंदर कानाफूसी तेज हो गई है | बोला ये जा रहा है कि वो 8 जनवरी तक रांची लौट सकते हैं। लेकिन अभी झारखंड के राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है।