बुजुर्ग महिला को जैसे ही मिली पति की मौत की खबर ,रोते-रोते रुक गई जीतनी देवी की सांसें
आज लव मैरिज के बाद भी कई दंपती न्यायालय में खड़े नजर आते हैं, ऐसे भी मुद्दे सामने आते हैं जब पति पत्नी को तो कहीं पत्नी ही पति को ठिकाने लगा देती है। ऐसे में कोडरमा का यह दंपति आज के हसबैंड-वाइफ के लिए बड़ी सीख छोड़ गया, दिल के संबंध का वास्तविक मतलब समझा गया। कोडरमा की इस घटना को जिसने भी देखा-सुना पहले दंग फिर भावुक हो गया।
कोडरमा के डोमचांच नगर पंचायत क्षेत्र भीतर लंगरापीपर में बुजुर्ग स्त्री को जैसे ही समाचार मिली कि उसके पति की मृत्यु हो गई, उन्होंने भी दम तोड़ दिया। जीतनी देवी की उम्र करीब 67 साल की थी। वहीं पति मोहन पंडित 70 साल के थे। परिजनों ने कहा कि मोहन पंडित की मृत्यु की समाचार सुनते ही जीतनी देवी की भी सांसे रुक गईं। जीतनी देवी ने विवाह के सात फेरों का मान रखा और पति के पीछे-पीछे परलोक सिधार गईं।
रोते-रोते रुक गई जीतनी देवी की सांसें
मोहन पंडित के परिजनों ने कहा कि सोमवार की रात करीब 11 बजे अचानक उनका बीपी बढ़ गया था, जिससे वह बेड से नीचे गिर गए थे। इसके बाद उन्हें कोडरमा सदर हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने रांची रेफर कर दिया। परिजन मोहन को रांची लेकर जा रहे थे। इसी दौरान मंगलवार की सुबह करीब 6:30 बजे रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजनों ने मोहन पंडित की मृत्यु की समाचार घर में दी। घर में झाड़ू लगा रही जीतनी देवी को जैसी ही पति की मृत्यु की समाचार मिली वह सदमे में चली गईं। फूट-फूट कर रोने लगीं और रोते-रोते अचानक चुप हो गईं। परिजनों ने देखा तो उनकी भी मृत्यु हो चुकी थी। सुबह करीब 7:30 उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
एक साथ उठी दंपती की अर्थी
कोडरमा के डोमचांच में बुजुर्ग दंपति की मृत्यु की समाचार जैसे ही सामने आई। घटना के बारे में सुनकर सभी लोग दंग थे। जानकारी मिलते ही लोगों का जमावड़ा दंपति के घर के इर्द-गिर्द होने लगा। बुजुर्ग दंपति के दो बेटे और एक बेटी है, सभी बच्चों की विवाह हो चुकी है। गांव से एक साथ दो अर्थी उठने पर मातम पसरा है। दंपती को अगल-बगल चिता पर मुखाग्नि दी गई। परिजनों समेत सभी ने नम आंखों से दोनों को आखिरी विदाई दी।
सिर से साथ उठ गया माता-पिता का साया
मोहन पंडित के पुत्र ने कहा कि सोमवार की रात बेड से पिता के गिरने पर मां ने इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद पिता को उपचार के लिए सदर हॉस्पिटल ले गए थे। वहां ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होने पर डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर उपचार के लिए रांची रेफर कर दिया था। इस दौरान रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई। इधर समाचार मिलते ही मां भी चल बसी। हम भाई-बहनों के सिर से एक साथ माता-पिता दोनों का साया उठ गया। हम इस सदमे से कभी नहीं उबर पाएंगे।