जहांगीर आलम के घर से ईडी को मिले 35 करोड़ 23 लाख रुपये कैश
रांचीः झारखंड गवर्नमेंट के मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की कार्रवाई के बाद अरैस्ट कर लिया। सोमवार की सुबह से रात तक चले सर्च ऑपरेशन के दौरान जहांगीर आलम के घर से प्रवर्तन निदेशालय (प्रवर्तन निदेशालयल) को 35 करोड़ 23 लाख रुपये कैश मिले। बता दें कि छापेमारी के दौरान नोट गिनने के लिए करीब 5 मशीनें मंगाई गई थीं, जिसमें से एक खराब भी हो गई थी।
गौरतलब है कि आलम गीर के निजी सचिव के नौकर का वेतन महज 15 हजार रुपए है। ऐसे में यह प्रश्न उठ रहा है कि आखिर एक 15 हजार की जॉब करने वाले शख्स के पास इतने नोट कहां से आए? पुलिस पूरे मुद्दे की जांच कर रही है. एनडीए के अनेक नेता अब इस पूरे मुद्दे को लेकर इण्डिया गठबंधन पर हमलावर हो चुके हैं। वहीं, ओडिशा के नबरंगपुर में पीएम मोदी ने सोमवार को चुनावी रैली को संबोधित करते झारखंड के कैश काण्ड मुद्दे का जिक्र कर इण्डिया गठबंधन पर निशाना साधा।
नोटों के जखीरे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे शेयर करने वाले कई लोग यही प्रश्न उठा रहे हैं कि जब नौकर के यहां 25-30 करोड़ के नोट मिल रहे हैं तो उसके मालिक नोटों के कितने बड़े पहाड़ पर बैठे होंगे? सोमवार दोपहर मंत्री आलमगीर आलम से जब पत्रकारों ने इस धनराशि के बारे में पूछा तो उनके पास भी कोई ठोस उत्तर नहीं था. उन्होंने कहा, “हम भी टीवी पर समाचार देख रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है और इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा।”
ज्यादा दिन नहीं हुए, जब झारखंड से कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर कई दिनों तक चली छापेमारी में इनकम टैक्स विभाग ने तीन सौ करोड़ से भी अधिक कैश बरामद किया था। इस छापेमारी में मिले नोटों के पहाड़ की फोटोज़ पूरे राष्ट्र में वायरल हुई थीं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पर प्रश्न उठे थे, लेकिन उनकी ओर से कोई उत्तर नहीं आया. हैरत तो इस बात पर हुई कि धीरज साहू के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की