अरविंद केजरीवाल की राह चलने गए थे हेमंत सोरेन, SC ने कहा…
रांचीः लोकसभा चुनाव के तीन चरण समाप्त हो चुके हैं। 13 मई को चौथे चरण का चुनाव होने वाला है। वहीं प्रचार-प्रसार भी अपने चरम पर है। इस बीच कारावास में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी करने पर उच्चतम न्यायालय का रूख किया। लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है। उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम रिहाई पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बोला कि गिरफ्तारी को चुनौती वाली याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। अब उसके विरुद्ध आप अगले हफ्ते करें बहस।
दरअसल, उच्च न्यायालय का निर्णय आने में हो रही देरी को आधार बना कर हेमंत ने रिहाई की मांग की थी। बीते 3 मई को उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को ठीक ठहराने का आदेश दे दिया। बता दें कि हेमंत सोरेन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के राह पर चलते हुए उच्चतम न्यायालय की तरफ रुख किया था। सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को अरैस्ट किया था। वह अभी रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास में बंद हैं। सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय की 13 दिन की हिरासत के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास भेज दिया गया था।
हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की उस रिट याचिका को खारिज कर दिया था और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हालांकि न्यायालय ने कारावास में बंद सोरेन को छह मई को अपने चाचा के आखिरी संस्कार में पुलिस हिरासत में शामिल होने की अनुमति दे दी थी। एक याचिका के जरिए सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। न्यायालय ने 28 फरवरी को मुद्दे में निर्णय सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति आर। मुखोपाध्याय ने निर्देश दिया है कि पुलिस हिरासत में वह (सोरेन) अपने चाचा के आखिरी संस्कार में शामिल हो सकते हैं।