हेमंत सोरेन के समर्थको ने कहा, जमीन के मामले में उन्हें बेवजह किया जा रहा परेशान
रांची। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें अब उनके ही करीबियों ने बढ़ा दी है। जिस जमीन को लेकर लगातार ये दावा हेमंत सोरेन के समर्थक किया करते थे कि जमीन के मुद्दे में हेमंत सोरेन को बेवजह परेशान किया जा रहा है, उसे लेकर हेमंत के करीबियों ने ही बड़ा खुलासा प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में कर दिया है। ये बयान भी न्यायालय के समक्ष पेश किए गए हैं। इसके साथ ही कई ऐसे साक्ष्य भी पीएमएलए न्यायालय को उपलब्ध प्रवर्तन निदेशालय ने कराए हैं जिससे आनेवाले दिनों में हेमंत सोरेन और उनके करीबियों पर शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है।
हेमंत सोरेन के विरुद्ध बयान देने वाले में हेमंत सोरेन के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू हैं, जिन्होंने हेमंत सोरेन के विरुद्ध बयान दिया है। जिसमे उन्होंने कहा है की बड़गाईं अंचल की साढ़े आठ एकड़ जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में थी। यही नहीं उन्होंने इस बात को भी स्वीकारा है कि उनके ही निर्देश पर भानु प्रसाद और सीओ को निर्देश सीएम सचिवालय के द्वारा दिए गए थे। बाकायदा इस जमीन के अतिरिक्त अन्य जमीन को लेकर भी उनके निर्देश पर कुछ डॉक्यूमेंट्स भी व्हाट्सएप मैसेज के जरिए भेजे गए थे। वहीं, इसके साथ ही सीएम सचिवालय के उदय शंकर ने भी माना है कि अभिषेक प्रसाद के निर्देश पर उन्होंने बड़गाईं अंचल के सीओ और मनोज कुमार और बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मी को उनके टेलीफोन से गाइड लाइन दिए गए थे।
हेमंत सोरेन की बात यही नहीं रुकती बल्कि रांची के पूर्व डीसी से भी जब प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ करती है तो पूर्व डीसी और निलंबित आईएएस छवि रंजन ने भी प्रवर्तन निदेशालय को अपने बयान में कहा कि कई निर्देश और काम तत्कालीन सीएम की तरफ से भेजे जाते थे। करीब-करीब सारे कामों की फाइल को वो आगे बढ़ा दिए करते थे। हालांकि, इस जमीन को लेकर उन्होंने बोला है उन्हें इसे लेकर कुछ याद नहीं है। इसके साथ ही बड़गाईं अंचल के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार का बयान भी हेमंत सोरेन की मुश्किलों में बढ़ोत्तरी ही करता हुआ नजर आ रहा है। उन्होंने भी प्रवर्तन निदेशालय को दिए बयान में बोला है की बड़गाईं अंचल की जमीन के सत्यापन को लेकर उन्हें टेलीफोन किया गया था।
बता दें की प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए न्यायालय में वो फाइल भी सबमिट की गई, जिसपर सीएम भुईहरी जमीन का लिखा नोट है जो बड़गाईं अंचल के उसी साढ़े आठ एकड़ जमीन से जुड़ा है। ये फाइल भानु के ही घर से प्रवर्तन निदेशालय को बरामद को हुई थी। वहीं, इसके साथ ही जमीन के कब्जे में हुए खर्च का ब्यौरा हैंड रिटेन में प्रवर्तन निदेशालय को भानु प्रसाद के घर से मिला था जिसपर जमीन के कब्जे से जुड़े किन लोगों को कितनी धनराशि दी गई उसका पूरा जिक्र है। वहीं, इसके साथ ही केयर टेकर का बयान भी प्रवर्तन निदेशालय ने लिया है जिसने प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष ये बात स्वीकारी है कि जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा था।