झारखण्ड

इस मामले में कोर्ट ने हेमंत सोरेन को समन जारी करने को कहा…

झारखंड के तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन की ओर से समन की अवहेलना मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकायतवाद पर सीजेएम न्यायालय ने आइपीसी की धारा-174 के अनुसार संज्ञान लिया अब इस मुद्दे में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध न्यायालय में केस चलेगा मुद्दे में न्यायालय ने हेमंत सोरेन को समन जारी करने को बोला है

हेमंत सोरेन को 3 अप्रैल को न्यायालय में हाजिर होने का निर्देश

समन के बाद हेमंत सोरेन को न्यायालय की अगली सुनवाई में हाजिर होना होगा अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी इस मुद्दे में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से न्यायालय को कहा गया था कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े मुद्दे में हेमंत सोरेन को 10 बार समन किया गया था इसमें से केवल दो समन पर ही हेमंत मौजूद हुए थे

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय ने 10 बार भेजा समन

ईडी ने न्यायालय को कहा कि बाकी के आठ समन पर हेमंत का मौजूद नहीं होना समन की अवहेलना है गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय के आठवें समन पर 20 जनवरी को और 10वें समन पर 31 जनवरी को हेमंत सोरेन हाजिर हुए थे इस मुद्दे में हर समन की अवहेलना के मुद्दे में झारखंड के पूर्व सीएम को एक-एक महीने कारावास की सजा हो सकती है

अरविंद केजरीवाल मुद्दे में न्यायालय ने कही थी ये बात

झारखंड की न्यायालय 3 अप्रैल को हेमंत सोरेन के मुद्दे में अपना निर्णय सुना सकती है इसमें तय होगा कि उन्हें क्या सजा दी जाए दूसरी तरफ 7 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के मुद्दे की सुनवाई करते हुए दिल्ली की एडीशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने बोला था कि प्रवर्तन निदेशालय के समन की अवहेलना आइपीसी की धारा 174 के अनुसार क्राइम है

ईडी के समन का पालन करना सबका कर्तव्य : कोर्ट

इसके लिए पीएमएलए एक्ट के सेक्शन 50 के अनुसार सजा का प्रावधान है न्यायधीश ने यह भी बोला कि प्रवर्तन निदेशालय के समन का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है सेक्शन 174 के अनुसार न्यायालय को किसी भी संदिग्ध को समन जारी करने का अधिकार है उसके पास यह अधिकार है कि संबंधित आदमी को जांच एजेंसी के सामने पेश करे

बार-बार समन की अवहेलना पर 1000 रुपए जुर्माना या 6 माह कैद

जज ने आगे बोला कि यदि न्यायालय इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि संबंधित आदमी ने जान-बूझकर समन की अवहेलना की है, तो उसे एक महीने कारावास की सजा और 500 रुपए का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है यदि न्यायालय को ऐसा लगता है कि उसने इसके बाद भी समन की अवहेलना की है, तो उसे 6 महीने तक की सजा और 1000 रुपए जुर्माना अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है

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