झारखंड कैश कांड: आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल और उनके सहायक को 6 दिनों की ईडी रिमांड
झारखंड गवर्नमेंट के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर को प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA न्यायालय में पेश किया वहां से न्यायालय ने 6 दिनों की रिमांड को स्वीकृति दे दी। इन दोनों को कारावास भेज दिया गया है। अब प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ के लिए 13 मई तक का समय मिला है और ये रिमांड अवधि कल यानी बुधवार से प्रारम्भ होगी। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने 6 दिनों की रिमांड ही दी दी। न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की न्यायालय ने इसे अस्वीकार करते हुए केवल 6 दिन की ही रिमांड दी। दोनों की रिमांड अवधि 13 मई को खत्म होगी।
बता दें कि मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की कार्रवाई के बाद अरैस्ट कर लिया। सोमवार की सुबह से रात तक चले सर्च ऑपरेशन के दौरान जहांगीर आलम के घर से प्रवर्तन निदेशालय (प्रवर्तन निदेशालयल) को 35 करोड़ 23 लाख रुपये कैश मिले। बता दें कि छापेमारी के दौरान नोट गिनने के लिए करीब 5 मशीनें मंगाई गई थीं, जिसमें से एक खराब भी हो गई थी।
गौरतलब है कि आलमगीर के निजी सचिव के नौकर का वेतन महज 15 हजार रुपए है। ऐसे में यह प्रश्न उठ रहा है कि आखिर एक 15 हजार की जॉब करने वाले शख्स के पास इतने नोट कहां से आए? नोटों के जखीरे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे शेयर करने वाले कई लोग यही प्रश्न उठा रहे हैं कि जब नौकर के यहां 25-30 करोड़ के नोट मिल रहे हैं तो उसके मालिक नोटों के कितने बड़े पहाड़ पर बैठे होंगे?
हालांकि, सोमवार दोपहर मंत्री आलमगीर आलम से जब पत्रकारों ने इस धनराशि के बारे में पूछा तो उनके पास भी कोई ठोस उत्तर नहीं था। उन्होंने कहा, “हम भी टीवी पर समाचार देख रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है और इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा।” इधर, राजधानी रांची के डोरंडा में राजू सिंह के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी मंगलवार को भी जारी रही। प्रवर्तन निदेशालय की टीम 4 भिन्न-भिन्न ठिकानों पर छापेमारी की है।