झारखण्ड

यहां के लोग चींटी की चटनी को खाते हैं, जानें इसके पोषक तत्वों के बारे में…

भारत में भिन्न-भिन्न राज्यों में कई तरह की डिसेज खाई जाती है कुछ स्टेट्स अपने वीयर्ड डिशेज के लिए जाने जाते हैं ऐसी ही एक डिश है लाल चींटी की चटनी जी हां, पढ़कर लगा ना झटका ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के ट्राइबल लोगों के बीच ये चटनी काफी प्रसिद्ध है वहां इस चटनी को चाव से खाया जाता है हाल ही में इस चटनी को जियोग्राफिकल इंडिकेशन दी गई इस चटनी को मुख्य रूप से ओडिशा के मयूरभंज डिस्ट्रिक्ट में खाया जाता है

ओडिशा के अतिरिक्त इस चटनी को झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी पसंद किया जाता है इस चटनी को चपरा बोला जाता है जिस लाल चींटी को देखते ही आप भाग जाते हैं, उस चींटी को जमा करने के लिए ये लोग जंगलों की ख़ाक छानते है जब इन्हें चींटियों का पूरा झुंड मिल जाता है तो ये उसके घर को तोड़कर इन चीटियों को जमा कर लेते हैं फिर इनसे बनाई जाती है टेस्टी चटनी

ऐसे बनती है ये चटनी
लाल चींटी की चटनी को बनाने में इसके अंडे का भी इस्तेमाल किया जाता है ये स्वाद में काफी तीखी होती है लाल चींटियों को लहसुन और हरी मिर्च के साथ पीसा जाता है पहले चींटी और उसके अंडों बांबी से जमा किया जाता है उसे पीसा जाता है और फिर सुखाया जाता है सूखने के बाद उसे मुसल में फिर से पीसते हैं टमाटर, धनिया, नमक और मिर्च डालकर इसकी चटनी बनाई जाती है

मिर्च-लहसुन के साथ बनती है चटनी

प्रोटीन की है खान
अगर आपको लग रहा है कि आखिर कैसे लोग इस चटनी को खा लेते हैं, तो पहले पोषक तत्वों के बारे में जान लें लाल चींटी की ये चटनी प्रोटीन की खान है इसके कई औषधीय गुण हैं इसमें उपस्थित फॉर्मिट एसिड पेट की कई रोंगों से बचाव करता है साथ ही इसमें कैल्शियम और जिंक भी काफी मात्रा में पाया जाता है एक्सपर्ट्स ने भी माना है कि ये चटनी कई रोंगों से बचाव में सहायता करता है

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