Ram Navami 2024: रामनवमी पर राममय हुई रांची
Ram Navami 2024: रांची-रामनवमी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची राममय हो गयी है। महावीरी झंडे से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। चारों तरफ रामनवमी की तैयारी चल रही है। इसे लेकर रांची के मेन रोड में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। रामनवमी को लेकर तरह-तरह के झंडे बाजार में आ चुके हैं। 17 अप्रैल को रामनवमी है। इस बार बाजार में ईश्वर राम और अयोध्या की छवि वाले झंडे की डिमांड अधिक देखी जा रही है। रांची के तपोवन मंदिर को भी सजाया गया है। महंत ओमप्रकाश शरण बताते हैं कि इस वर्ष हम दूसरी बार रामनवमी इंकार रहे हैं।
भगवान राम की छवि वाले झंडे की अधिक डिमांड
रांची के मेन रोड में सालों से झंडे की दुकान लगाने वाले योगेंद्र सिंह बताते हैं कि हर बार रामनवमी पर शहर में उत्साह देखने को मिलता है, लेकिन इस बार का उत्साह ही कुछ और है। हर कोई अपने घर मे अयोध्या की झलक देखना चाह रहा है। यही वजह है कि झंडे में इस बार अयोध्या और ईश्वर राम की छवि वाले झंडे की डिमांड काफी हाई है।
अयोध्या की तरह ही घर को सजाना है
हरमू से ख़रीदारी करने आए राहुल कुमार बताते हैं कि इस बार अयोध्या की तरह ही घर को सजाना है। बाजार में भी उसी तरह का झंडा देख रहा हूं। बहुत वेराइटी है इस बार। अच्छा लग रहा है देखकर कि अयोध्या की तरह ही ये रांची भी सज रही है। महावीरी पताके के लिए बांस की लकड़ी बेच रहे रामदेव कहते हैं कि इस बार बांस की डिमांड भी काफी अधिक है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है।
इस वर्ष दो बार इंकार रहे रामनवमी
तपोवन मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण बताते हैं कि ये साल हमारे लिए बहुत शुभ हुआ। हम इस साल 2 बार रामनवमी इंकार रहे हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के विराजने के समय ही रामनवमी मन गयी। झारखंड में जुलूस और झांकी की परंपरा है, लेकिन अयोध्या में जुलूस नहीं निकलता है। वहां पहले सरयू नदी में भक्त स्नान करते हैं। फिर हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हैं। इसके बाद रामलला के दर्शन करते हैं। झारखंड में जुलूस निकलता है। यहां भी लोग आते हैं। हाथ में हुनमान जी का झंडा लेकर चलते हैं। यहां आकर ईश्वर हुनमान के दर्शन करते हैं। इसके बाद ही ईश्वर राम के दर्शन करते हैं। ये प्रथा तो यहां भी है।
हर वर्ष की तरह सजा है तपोवन मंदिर
इस बार भी हर वर्ष की भांति तपोवन मंदिर को सजाया गया है। प्रसाद बनने की तैयारी चल रही है। झंडा लगाने के लिए स्थान सुनिश्चित कर ली गयी है। वहीं प्रशासनिक योगदान पर महंत ओमप्रकाश शरण कहते हैं कि हमारी तरफ से हर बार पत्र भेजा गया है, लेकिन उनकी क्या तैयारी है, वह अभी तक हमें नहीं पता है। हर साल तैयारियों का जायजा लेने प्रशासन की टीम आती है। बाकी लोगों से यही अपील है कि रास्ता निर्माणाधीन है। पुल बन रहा है। लोग ध्यान से आएं और एक दूसरे का योगदान करें।