रांची कोर्ट ने हेमंत सोरेन को समन भेज कर किया अगले महीने तलब
जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब रांची की एक न्यायालय ने पीएमएलए मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस की अवहेलना करने का प्रथम द्रष्टया गुनेहगार माना है। साथ ही रांची न्यायालय ने हेमंत सोरेन को समन भेज कर अगले महीने तलब किया है। जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के अनुसार हेमंत सोरेन को सात बार समन जारी किए गए थे। उन्हें सबसे पहले बीते वर्ष 14 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए पहली बार समन जारी किया गया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्ण कांत मिश्रा की न्यायालय ने सोमवार को जारी अपने आदेश में बोला कि शिकायतकर्ता प्रवर्तन निदेशालय के तथ्य और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 174 के अनुसार क्राइम बनता है। ऐसे में आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 204 के अनुसार आरोपी हेमंत सोरेन के विरुद्ध कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं। ऐसे में हेमंत सोरेन को न्यायालय में उपस्थिति के लिए समन जारी करने का निर्देश दिया।फिलहाल मुद्दे में न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 3 अप्रैल तय की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते महीने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज की थी। इसमें बोला गया था कि जमीन घोटाले से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे की जांच में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समन की हेमंत सोरेन ने जानबूझकर अवलेहना की। प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए और आईपीसी की धाराओं के अनुसार दाखिल अपनी कम्पलेन में न्यायालय से निवेदन किया था कि हेमंत सोरेन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करना) के अनुसार केस चलाया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री को संघीय जांच एजेंसी ने 31 जनवरी को रांची में उनके आधिकारिक आवास पर दूसरे दौर की पूछताछ के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के इल्जाम में अरैस्ट किया था। अरैस्ट होने से पहले उन्होंने सीएम पद से त्याग-पत्र दे दिया। 48 वर्षीय झामुमो नेता अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
इसी तरह की एक कम्पलेन प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध दिल्ली की एक न्यायालय में एजेंसी के समन की कथित तौर पर तीन बार अवहेलना करने के लिए दाखिल की है। यह मुद्दा 16 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। केजरीवाल को अब तक आठ समन जारी किए जा चुके हैं और उन्होंने इन नोटिसों को गैरकानूनी बताते हुए एजेंसी के सामने गवाही नहीं दी है। पेशी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछताछ करे।