इस साल जन्माष्टमी के दिन बना अद्भुत संयोग,जाने पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी हर वर्ष भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। हिंदू धर्म में इस पर्व का खासा महत्व है। जन्माष्टमी के दिन कृष्ण ईश्वर के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। कृष्ण ईश्वर को विष्णु जी का आठवां अवतार माना जाता है। ईश्वर कृष्ण का जन्मोत्सव मध्य रात्रि को ही मनाया जाता है।
मान्यता है कि ईश्वर श्री कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि को ही हुआ था। हर वर्ष व्रत की तिथि को लेकर कंफ्यूज रहती है। वहीं, इस बार जन्माष्टमी पर 10 वर्ष बाद विशेष योग भी बना रहा है। आइये बैद्यनाथ धाम के ज्योतिषी से जानते हैं कि कृष्णा जन्माष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
बैद्यनाथ मंदिर के मशहूर तीर्थ पुरोहित सह ज्योतिषाचार्य प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 को कहा कि हर वर्ष कृष्णा जन्माष्टमी भादो मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। इस वर्ष 6 सितंबर को व्रत रखकर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन श्री कृष्ण ईश्वर के बाल स्वरूप नंद गोपाल की मध्य रात्री में पूजा अर्चना की जाएगा।पुत्र की प्राप्ति के लिए जन्माष्टमी के व्रत का खासा महत्व है।
क्या बन रहा है शुभ संयोग:
प्रमोद श्रृंगारी बताते हैं कि इस वर्ष जन्माष्टमी के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है। ईश्वर श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि बुधवार के दिन हुआ था। वहीं इस वर्ष जन्माष्टमी भी बुधवार को पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह संयोग 10 वर्ष के बाद बन रहा है। जिसका खासा महत्व है।
पूजा का शुभ मुहूर्त :
भादो मास की अष्टमी तिथि की आरंभ 6 सितंबर दिन बुधवार की रात 8 बजकर 12 मिनट से हो रही है। वहीं अष्टमी तिथि का समाप्ति अगले दिन 7 सितंबर दिन बृहस्पतिवार की शाम 06 बजकर 12 मिनट पर होगा। क्योंकि बाल गोपाल का जन्मोत्सव मध्य रात्रि को मनाया जाता है। इसलिए 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की रात 11 बजकर 32 मिनट से 01 बजकर 12 मिनट तक रहने वाला है।