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अरविंद केजरीवाल पर आम और मिठाइयां खाने के आरोप पर मनोज तिवारी ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दिल्ली की न्यायालय में सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर आम और मिठाइयां खाने के इल्जाम पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है. इतना ही नहीं उन्होंने केजरीवाल को तिहाड़ से उत्तर प्रदेश की डासना कारावास शिफ्ट करने की मांग भी कर डाली.

मनोज तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर किया है. 1.47 मिनट के इस वीडियो में वह बोल रहे हैं कि, अरविंद केजरीवाल एक शातिर क्रिमिनल की तरह सोचते हैं और शातिर क्रिमिनल की तरह बातें और षड्यंत्र करते हैं. उनको राजमहल में रहने की आदत है, इसलिए वह कारावास में भी बड़े ठाठ से रह रहे हैं. याद रखना दिल्ली की कारावास केंद्र गवर्नमेंट के अधीन नहीं, बल्कि दिल्ली गवर्नमेंट के अंदर आती है. आज न्यायालय में यह साबित हो गया कि अरविंद केजरीवाल जानबूझकर डायबिटीज रोगी होने के बावजूद मीठा खा रहे हैं. उनके घर से कारावास में आलू-पूड़ी और आम आ रहे हैं. यह सारा खाना डायबिटीज रोगी का वजन बढ़ाता है और इसलिए केजरीवाल ऐसा कर रहे हैं ताकि इसका बहाना बनाकर और स्वास्थ्य का हवाला देकर बेल के लिए लागू कर सकें.

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आगे बोला कि मेरा मानना है कि अरविंद केजरीवाल ऐसी षड्यंत्र ना करें. इसलिए, उन्हें तिहाड़ कारावास से हटाकर यूपी के डासना कारावास में शिफ्ट कर देना चाहिए. जिससे कारावास में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके और वो इस तरह की सहानुभूति लेने वाली षड्यंत्र भी ना कर सकें.

वीडियो पोस्ट करते हुए मनोज तिवारी ने एक्स हैंडल पर लिखा कि शातिर क्रिमिनल की सोच रखने वाले अरविंद केजरीवाल को तुरन्त उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद की डासना कारावास शिफ्ट करना चाहिए. राजमहल में रहने वालों की कारावास में भी ठाठ है, क्योंकि दिल्ली की सभी कारावास भी तो दिल्ली गवर्नमेंट के अंदर हैं. आज न्यायालय में साबित हुआ कि केजरीवाल जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, कारावास में घर से आलू-पूड़ी, आम और मिठाई आ रही है, घर का खाना खाकर केजरीवाल का वजन बढ़ा, ऐसा वह बेल के लिए ड्रामा कर रहे हैं.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायालय के सामने बड़ा दावा करते हुए बोला कि मुख्यमंत्री केजरीवाल बेल लेने के लिए जानबूझकर कारावास में आलू-पूड़ी, आम और मिठाइयां खा रहे हैं. ताकि खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत ले सकें.

 

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