औरंगाबाद के वो MP, जिन्हें हराने के लिए RJD को रचना पड़ेगा नया इतिहास
Aurangabad Lok Sabha Seat Political Equations: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में बिहार की 4 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा. इन सीटों में औरंगाबाद, जमुई, गया और नवादा सीटें शामिल हैं. यदि बात औरंगाबाद की करें तो यहां पर भाजपा का दबदबा देखने को मिला है. पिछले तीन बार से लगातार सुशील कुमार सिंह सांसद हैं. इस बार भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने इस सीट से अभय कुशवाहा को टिकट दिया है. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
कौन हैं सुशील कुमार सिंह?
सुशील कुमार सिंह 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार सांसद चुने गए. इस बार उनकी नजर जीत का ‘चौका’ लगाने पर है. उन्होंने 25 मार्च को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. सुशील का जन्म 27 जून 1963 को औरंगाबाद में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गेट विद्यालय (ए एन हाई स्कूल) से पूरी की. इसके बाद प्री-यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए वे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी आ गए. सुशील ने मगध यूनिवर्सिटी से संबद्ध अनुग्रह नारायण कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया.
सबसे पहले कब सांसद बने सुशील कुमार सिंह?
सुशील कुमार सिंह सबसे पहले समता पार्टी के टिकट पर 1998 में औरंगाबाद से सांसद चुने गए. इसके बाद 2009 में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए आरजेडी के शकील अहमद खान को 72,058 वोटों से हराया था. सुशील को 2,60,153 (43.38 फीसदी) वोट मिले थे, जबकि शकील को 1,88,095 (31.44 फीसदी) वोट मिले. कांग्रेस पार्टी के निखिल कुमार 54,581 यानी 9.12 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे जगह पर रहे. इस चुनाव में कुल 5,98,309 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कुल 43.47 प्रतिशत मतदान हुआ.
निखिल कुमार को हराकर दूसरी बार सांसद बने सुशील कुमार
सुशील कुमार सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के निखिल कुमार को हराया. सुशील को 3,07,941 (39.16 फीसदी) वोट मिले, जबकि निखिल को 2,41,594 (30.72 फीसदी) वोट से संतोष करना पड़ा. इस चुनाव में कुल 51.19 प्रतिशत मतदान हुआ था. कुल 7,86,274 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
सुशील कुमार सिंह ने लगाई जीत की हैट्रिक
सुशील कुमार सिंह ने 2019 में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के उपेंद्र प्रसाद को हराकर जीत की हैट्रिक लगाई. इस चुनाव में उन्हें 4,31,541 यानी 45.83 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, उपेंद्र को 3,58,934 यानी 38.12 प्रतिशत वोट मिले. इस चुनाव में कुल 53.67 प्रतिशत मतदान हुआ. कुल 9,35,469 मतदाताओं ने वोट डाले.
औरंगाबाद से कब-कौन बना सांसद?
साल | सांसद | पार्टी |
1952 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | कांग्रेस |
1957 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | कांग्रेस |
1961 | रमेश प्रसाद सिंह | कांग्रेस |
1962 | मुद्रिका सिन्हा | कांग्रेस |
1967 | महारानी ललिता राज्यलक्ष्मी | स्वतंत्र पार्टी |
1971 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | कांग्रेस (ओ) |
1977 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | जनता पार्टी |
1980 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | जनता पार्टी |
1984 | सत्येंद्र नारायण सिन्हा | कांग्रेस |
1989 | राम नरेश सिंह | जनता दल |
1991 | राम नरेश सिंह | जनता दल |
1996 | वीरेंद्र कुमार सिंह | जनता दल |
1998 | सुशील कुमार सिंह | समता पार्टी |
1999 | श्यामा सिंह | कांग्रेस |
2004 | निखिल कुमार | कांग्रेस |
2009 | सुशील कुमार सिंह | बीजेपी |
2014 | सुशील कुमार सिंह | बीजेपी |
2019 | सुशील कुमार सिंह | बीजेपी |
औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में कितनी विधानसभा सीटें हैं?
औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, इमामगंज और टिकरी सीटें शामिल हैं. इनमें से गुरुआ, इमामगंज और टिकरी सीट गया जिले के भीतर आती हैं.
कौन हैं अभय कुशवाहा?
औरंगाबाद सीट से आरजेडी ने अभय कुशवाहा उर्फ अभय कुमार सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है. अभय कुमार सिन्हा गया जिले के टिकारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवामा मोर्चा के अनिल कुमार को 2015 में हराया था. अभय को 86,975 वोट मिले थे, जबकि अनिल को 55,162 वोटों से संतोष करना पड़ा था. अभय का जन्म 5 जून 1972 को हुआ. उन्होंने 2000 में राजनीति में एंट्री की. इससे पहले वे गया के कुजापी गांव के मुखिया थे. उन्होंने जेडीयू में कई जरूरी पदों पर काम किया. हालांकि, इस वर्ष उन्होंने आरजेडी का दामन थाम लिया.
बिहार में कब होगा लोकसभा चुनाव?
बता दें कि बिहार में सभी सात चरण में चुनाव होंगे. पहले चरण में 4, दूसरे चरण में 5, तीसरे चरण में 5, चौथे चरण में 5, पांचवें चरण में 5, छठे चरण में 8 और सातवें चरण में 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में 19 अप्रैल को औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई सीट पर चुनाव होगा. पिछली बार आरजेडी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी.