कलेक्शन एजेंट सत्येंद्र सिंह रुपये दोगुना करने के लालच में गवाये 17 लाख रुपये
बागबेड़ा थानांतर्गत रोड नंबर स्थित स्वास्तिक वाटिका निवासी कलेक्शन एजेंट सत्येंद्र सिंह ने रुपये दोगुना करने के लालच में आकर 17 लाख रुपये गंवा दिये थे। ठगी के बाद सत्येंद्र कुमार सिंह ने चोरी की कहानी बनायी। पुलिस ने मुद्दे का उद्भेदन करते हुए कलेक्शन एजेंट सत्येंद्र सिंह, कैमूर जिले के मोहनिया निवासी रमेश उर्फ सिकंदर कोहार, सीतारामडेरा के इंद्रजीत सिंह उर्फ नेता और सोनारी के अरविंद चौधरी को अरैस्ट किया है। काण्ड में सिकंदर का भतीजा रोहित फरार है। उसकी तलाश पुलिस कर रही। पकड़े गये लोगों की निशानदेही में चोरी के 1,99,500 लाख रुपए, ठगी के पैसों से खरीदी गयी 1.27 लाख रुपये की स्कूटी, ठगी में प्रयुक्त कागज के बंडल, कार और अन्य सामान बरामद किये गये है। जुगसलाई स्थित कार्यालय में एएसपी विधि प्रबंध सुमित अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि 17 लाख रुपये चोरी का मुद्दा झूठा निकला। रुपये दोगुना करने के लालच में ठगी का शिकार हुए सत्येंद्र कुमार सिंह ने चोरी की झूठी कहानी बनायी।
रुपये दोगुना होने के झांसा में आ गया था सत्येंद्र
एएसपी ने कहा कि सत्येंद्र 17 लाख रुपये के दोगुना होने के लालच में आ गया। पूछताछ में सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इंद्रजीत और अरविंद दोनों उसके दोस्त हैं। 24 दिसंबर को दोनों दोस्त सिकंदर को घर लेकर आये थे। सिकंदर ने रुपयों को दोगुना करने का डेमो देकर सत्येंद्र को झांसा में लिया। 26 दिसंबर को सिकंदर भतीजा रोहित के साथ उसके घर पर आया। सत्येंद्र के पास कलेक्शन के 17 लाख रुपये थे। उसने बैग सिकंदर के सामने रख दिया। सिकंदर और रोहित ने रुपयों को डबल करने का खेल प्रारम्भ किया। नकली नोट बनाने वाले कागज, पानी और केमिकल बैग से निकाला। सिकंदर ने सत्येंद्र को बोला कि नोट अधिक है। कागज को गर्म करने के लिए चूल्हा और गैस सिलेंडर लाये। सत्येंद्र के जाने के बाद सिकंदर और रोहित ने बैग से नोट के आकार में पहले से तैयार कागज के टुकड़े उसकी बैग में रख दिया और 17 लाख रुपये नकदी को बैग में डाला लिया। सत्येंद्र चूल्हा लेकर आया तो दोनों ने उसे कागज गर्म करने को बोला और रुपये से भरा बैग लेकर तीन – चार घंटे में वापस आने की बता कही और निकल गये। सत्येंद्र ने रुपये वाला बैग खोला तो कागज देखकर उसके होश उड़ गये।
ऐसे पुलिस पहुंची सच तक, पांच वर्ष से ठगी कर रहा सिकंदर
बागबेड़ा थाना प्रभारी अखिलेश मंडल ने पहले इंद्रजीत और अरविंद को पकड़ा। जुगसलाई के एक लॉज में सभी दो दिन से रुके थे। सीसीटीवी फुटेज से सिकंदर की पहचान हुई। बागबेड़ा पुलिस ने सिकंदर को बिहार के मोहनिया से अरैस्ट किया। सिकंदर ने कहा कि वह पांच वर्षों से इस तरह का काम कर रहा है। इंद्रजीत ने पुलिस को कहा कि सिकंदर ने इस काम के बदले में उसे और उसके दोस्त अरविंद को 15 फीसदी कमीशन देने की बात कही थी। इस कारण से सत्येंद्र के घर से बैग लेकर निकलने के बाद अरविंद ने ही सिकंदर को अपनी कार से रांची छोड़ा था। अरविंद और इंद्रजीत कोयला की खरीद- बिक्री का काम करते है।
ऐसे करता था वास्तविक नोट को डबल
वह सबसे पहले एक वास्तविक नोट लेकर उसके नीचे पतला कागज रखता था और उसे पानी से चिपका देता था। इसके बाद वास्तविक नोट पर केमिकल लगा कर प्रिंट कागज पर ले लेते थे। तक उसे गर्म करने का काम करते थे। इस दौरान वह जेब में रखा वास्तविक नोट चुपके से निकालकर सामने रख देता था। इससे लोग झांसे में आ जाते थे। ग्राहक को झांसा में लेकर उनसे वास्तविक रुपये लेकर सिकंदर फरार हो जाता था।