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गर्मी बढ़ते ही कॉर्बेट पार्क से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में सांपों का निकलना हुआ शुरू

रामनगर: विश्व मशहूर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अनेकों वन्य जीवों के दीदार के लिए हर वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक देश-विदेश से कॉर्बेट पार्क पहुंचते हैं. कॉर्बेट पार्क में बाघ, हाथी ,भालू, हिरण आदि वन्य जीवों के अतिरिक्त कई प्रकार के जीव-जंतु भी पाए जाते हैं. वहीं जैसे-जैसे अब गर्मी बढ़ने लगी है कॉर्बेट पार्क से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में सांपों का निकलना प्रारम्भ हो गया है.

सेव द स्नेक सोसायटी ने 50 हजार से अधिक सांपों को किया आजाद

ग्रामीण क्षेत्रों में यदि किसी के घर सांप निकल आता है तो ग्रामीण उसे मारते नहीं बल्कि तुरंत सेव द स्नेक सोसायटी के सदस्यों को सूचना देते हैं, जो मौके पर पहुंचकर सांपो को रेस्क्यू कर वन विभाग की सहायता से जंगल में आजाद कर देते हैं. आज तक सेव द स्नेक सोसायटी ने लगभग 50 हजार से अधिक सांपों को जनसंख्या क्षेत्र से पड़कर वन विभाग की सहायता से जंगल में आजाद किया है. समिति के सदस्य सांपों को बचाने के साथ ही क्षेत्र में इनके संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं.

तपिश बढ़ते ही बिलों से बाहर निकल रहे सांप

गर्मी बढ़ने के साथ ही पिछले दो दिनों में कॉर्बेट पार्क से सटे ग्रामीण क्षेत्र, ढेला, सांवल्दे, ढिकुली, रामनगर में दो दिन में 15 से अधिक कोबरा सांप और किंग कोबरा को समिति के सदस्यों ने भिन्न-भिन्न क्षेत्र से रेस्क्यू कर वन विभाग की सहायता से जंगल में आजाद किया है.

वहीं, समिति के सदस्य चंद्रसेन कश्यप और उनकी टीम को सांपों का रेस्क्यू करते हुए देख रहे हल्द्वानी के सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद कहते हैं कि मैं बचपन से ही कश्यप एवं उनकी टीम को सांपों का रेस्क्यू करते हुए देख रहा हूं. ये सदस्य सांपों को रेस्क्यू ही नहीं बल्कि सांपों को संरक्षण करने का संदेश भी दे रहे हैं. लेकिन गवर्नमेंट की तरफ से आज तक चंद्रसेन कश्यप और उनकी टीम को प्रोत्साहित नहीं किया गया.

सेव द स्नेक समिति कर रही वन विभाग की मदद

सेव द स्नेक समिति के अध्यक्ष चंद्रसेन कश्यप कहते हैं कि अब गर्मी बढ़ने लगी है तो सांपों का निकलना प्रारम्भ हो गया है. पिछले दो दिन में हमारे द्वारा 15 से अधिक विषैले कोबरों को कॉर्बेट से सटे ग्रामीण क्षेत्रों से रेस्क्यू किया गया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर दिगंथ नायक कहते हैं कि चंद्रसेन कश्यप और उनकी टीम द्वारा लगातार वन विभाग की सहायता की जाती है. पिछले दो दिन में उन्होंने 15 से अधिक विषैले कोबरों को भिन्न-भिन्न क्षेत्र से रेस्क्यू किया, जिनको हमारी सहायता से जंगल में सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया गया है.

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