दुनिया के प्रमुख देशों द्वारा सैन्य और हथियारों पर खर्च का मिला विवरण
स्टॉकहोम (स्वीडन): स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में दुनिया के प्रमुख राष्ट्रों द्वारा सेना और हथियारों पर खर्च का विवरण दिया गया है. लेकिन इसके साथ ही कुल अंतरराष्ट्रीय सेना खर्च का अनुमान देते हुए बोला गया है कि 2023 में दुनिया का कुल सेना खर्च 2.4 ट्रिलियन $ तक पहुंच गया है। यह पिछले 10 सालों से बढ़ रहा है और 2023 में अपने चरम पर पहुंच जाएगा.
इसका कारण बताते हुए अध्ययन संस्थान का बोलना है कि, यूरोप (रूस-यूक्रेन युद्ध), मध्य पूर्व (इजरायल-हमास-ईरान युद्ध) और ताइवान में तनाव के कारण ये लागत असामान्य रूप से बढ़ गई है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधकर्ता नान रयान ने कहा, पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में अंतरराष्ट्रीय सेना खर्च बढ़ने की आशा है. उन्होंने बोला कि यह 2009 के बाद से खर्च में साल-दर-साल सबसे बड़ी वृद्धि है.
सैन्य खर्च करने वालों में क्रमशः अमेरिका, चीन, रूस, हिंदुस्तान और सऊदी अरब हैं. यहां तक कि नान रियान ने भी कहा. उन्होंने बोला कि यूक्रेन युद्ध के कारण सभी यूरोपीय राष्ट्रों ने सेना खर्च बढ़ा दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, सेना खर्च में 2022 की तुलना में 2023 में 6.8 फीसदी की वृद्धि हुई है. रूस ने अपने सेना खर्च में 24 फीसदी की वृद्धि की है, जिससे 2023 में उसका सेना बजट 109 बिलियन $ हो जाएगा. 2014 के बाद से, जब रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया, उसके सेना खर्च में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है. यूक्रेन का सेना खर्च भी 51 प्रतिशत बढ़ गया है। और यह 64.8 अरब $ तक पहुंच गया है। इसे 35 अरब $ की विदेशी सेना सहायता भी मिलती है, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका से आता है.
इस प्रकार, यूक्रेन का सेना व्यय उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 37% और सरकारी व्यय का 58% है.
इसके ठीक विपरीत, रूस अपनी जीडीपी का सिर्फ़ 5.9 फीसदी ही खर्च करता है, लेकिन उसकी जीडीपी बहुत बड़ी है.
रिपोर्ट में आगे बोला गया है कि, यूरोप में पोलैंड ने अपने रक्षा खर्च में 75 फीसदी की बढ़ोतरी की है और उसका सेना खर्च 31.6 बिलियन (अरब) $ तक पहुंच गया है.
इज़राइल मध्य पूर्व में सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला राष्ट्र है. हमास युद्ध के कारण उसे अपना सेना खर्च बढ़ाना पड़ रहा है। 2023 में इसके रक्षा बजट में 24 फीसदी की वृद्धि की गई, जिसमें सेना खर्च 27.5 बिलियन $ तक पहुंच गया. सऊदी अरब ने उस खर्च में 4.3 फीसदी की वृद्धि की. यह रक्षा और रक्षा उपकरणों पर 75.8 बिलियन $ खर्च करता है.
अमेरिका ने रक्षा बजट में 2.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसका सेना खर्च 916 अरब $ है। चीन लगातार 29 सालों से रक्षा खर्च बढ़ा रहा है. इसकी लागत 6 प्रतिशत बढ़कर 296 अरब $ हो गई है।
भारत को भी अपना रक्षा खर्च बढ़ाना पड़ा है। यह 4.3% बढ़कर 83.6 अरब $ हो गया है। वहीं जापान ने भी खर्च बढ़ाकर 50.2 अरब $ कर दिया है। ताइवान ने 2023 में सेना खर्च 11 फीसदी बढ़ाकर 16.6 बिलियन $ कर दिया.