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पहलवानों का यौन उत्पीड़न: दिल्ली की अदालत ने बृजभूषण के खिलाफ आरोपों पर फैसला रखा सुरक्षित

अदालत ने गुरुवार को छह स्त्री पहलवान के यौन उत्पीड़न मुद्दे में आरोपी बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह और उनके सहयोगी के विरुद्ध इल्जाम तय करने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. न्यायालय 18 अप्रैल को निर्णय देगी.

फरवरी में बृज भूषण शरण सिंह ने कथित क्राइम की रिपोर्ट करने में देरी और शिकायतकर्ताओं के बयानों में विरोधाभास का हवाला देते हुए मुद्दे से बरी करने की मांग की थी. राउज एवेन्यू न्यायालय की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, प्रियंका राजपूत ने गुरुवार को शिकायतकर्ताओं, दिल्ली पुलिस और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर सहित आरोपियों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रखा.

इससे पहले कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ताओं और पुलिस ने बोला था कि आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत है. दिल्ली पुलिस ने अभियुक्तों के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि कुछ घटनाएं विदेशों में हुईं और इस प्रकार दिल्ली की अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं यह तर्क देते हुए कि यौन उत्पीड़न के कथित कृत्यों के लिए, विदेश में और दिल्ली सहित हिंदुस्तान में, बृज भूषण शरण सिंह को उत्तरदायी ठहराया गया था.

उनके वकील ने न्यायालय को कहा था कि ये घटनाएं 2012 में घटी बताई गई थीं, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना 2023 में दी गई. इसके अलावा, उन्होंने कथित घटनाओं के समय और स्थानों में विसंगतियों का तर्क दिया था, और उनके बीच कोई साफ संबंध नहीं होने का दावा किया था.

दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं. यह तर्क दिया गया कि कथित यौन उत्पीड़न की घटनाएं चाहे वे विदेश में हों या राष्ट्र के भीतर, आपस में जुड़ी हुई हैं और एक ही लेनदेन का हिस्सा हैं. इसलिए, पुलिस ने बोला था कि न्यायालय के पास मुद्दे की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र है. दिल्ली पुलिस ककी और से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया था कि आईपीसी की धारा 354 के अनुसार मुद्दा समय-बाधित नहीं है क्योंकि इसमें अधिकतम पांच वर्ष की सजा का प्रावधान है.

शिकायत दर्ज करने में देरी के मामले को संबोधित करते हुए श्रीवास्तव ने स्त्री पहलवानों के बीच डर का मामला उठाया था और बोला था कि कुश्ती उनके जीवन में बहुत महत्व रखती है, और वे अपने करियर को खतरे में डालने की चिंताओं के कारण आगे आने में झिझक रही थीं.

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