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बिल गेट्स से पीएम मोदी ने भारत जैसे लोकतांत्रकि देश में एआई-डीफेक पर की थी चिंता जाहिर

देश में 18वीं लोकसभा का शंखनाद हो चुका है. लोकतंत्र के मंदिर में जनता एक बार फिर अपनी पसंद की गवर्नमेंट चुनने जा रही है. लेकिन तानाशाही की तरफ कदम बढ़ा चुका चीन हिंदुस्तान के लोकतंत्र के पर्व से परेशान है. इसमें खलल डालने के लिए वो नापाक प्रयास में जुटा है. पिछले महीने ही 29 मार्च को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्योगपति बिल गेट्स से मुलाकात की थी. दोनों ने एआई जैसे मामले पर विस्तृत चर्चा की थी. जिसमें प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदुस्तान जैसे लोकतांत्रकि राष्ट्र में एआई-डीफेक पर चिंता जाहिर की थी.

डिजिटल बूथ कैप्टरिंग 

अब तक हिंदुस्तान की जमीन पर तिरछी नजर टिकाए चीन अब हिंदुस्तान के चुनाव को प्रभावित करने की तिकड़म भिड़ा रहा है. अपने राष्ट्र के नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी कैद कर चीन हिंदुस्तान में डिजिटल बूथ कैप्टरिंग की प्रयास में है. चीन की इन हरकतों का खुलासा माइक्रोसॉफ्ट की इंटेलिजेंस टीम ने किया है. जिसके अनुसार चीन हिंदुस्तान में चुनाव को प्रभावित करने की प्रयास कर रहा है. वो एआई के जरिए गलत जानकारी मतदाताओं तक पहुंचा सकता है. किसी विशेष सियासी दल के प्रति वोटरों का रूझान बढ़ाने की प्रयास कर सकता है. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि इस वर्ष पूरे विश्व में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों के साथ हमारा आकलन है कि चीन अपने हितों को फायदा पहुंचाने के लिए एआई-जनित सामग्री का निर्माण और विस्तार करेगा ये सभी वो राष्ट्र हैं जिनसे चीन की विवाद जारी है.

सरकारों को बाधित करने के लिए एआई का यूज

माइक्रोसॉफ्ट ने बोला है कि इस वर्ष अमेरिका, हिंदुस्तान और दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनावों को चीनी और कुछ हद तक उत्तर कोरियाई साइबर हमलावर निशाना बनाने के लिए काम करेंगे. चीन मतदाताओं को सबसे अधिक विभाजित करने वाली बात जानने के लिए फेक सोशल मीडिया एकाउंट का इस्तेमाल कर रहा है और संभवतः अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को अपने पक्ष में प्रभावित कर सकता है. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा चुनावों को बाधित करने के चीन के प्रयासों को दर्शाने वाले कुछ उदाहरणों में अगस्त 2023 माउ जंगल की आग शामिल है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह अमेरिकी गवर्नमेंट द्वारा सैन्य-ग्रेड मौसम हथियार के परीक्षण का हिस्सा था, जो जानबूझकर क्षेत्र में जंगल की आग का कारण बना.

ताइवान चुनाव में पहली बार प्रयोग

जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया. यह किसी विदेशी चुनाव को गवर्नमेंट समर्थित AI-जनरेटेड कंटेट से प्रभावित करने की पहली प्रयास थी. मीम्स, वीडियो और ऑडियो को बढ़ाने में चीन का बढ़ता प्रयोग संभवतः जारी रहेगा.

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