राजस्थान: क्रेन की टक्कर से महिला की हुई मौत
राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र के लीलवासा गांव में क्रेन की भिड़न्त से बाइक सवार स्त्री की मृत्यु के मुद्दे में मौताणा राशि तय होने पर 5 घंटे बाद स्त्री का मृतशरीर सड़क से उठ पाया।
वहीं परिजनों के राजी होने पर पुलिस ने मृतशरीर को डूंगरपुर जिला हॉस्पिटल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया। लेकिन इस पूरे मुद्दे में पुलिस लाचार नजर आई और डूंगरपुर पुलिस के सामने ही “मृत शरीर सम्मान कानून” की धज्जियां उड़ती हुई दिखाई दी।
मामले के मुताबिक डूंगरपुर जिले के पाडली गुजरेश्वर निवासी 22 वर्षीय लालशंकर अपनी पत्नी 21 वर्षीय हेमलता और 4 वर्ष की भतीजी के साथ एक बाइक पर और परिवार के अन्य लोग 3 अन्य बाइक पर विजवामाता मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे ।इस दौरान डूंगरपुर -आसपुर मार्ग पर लीलवासा बस स्टैंड के पास टेलीफोन आने से लाल शंकर खड़ी बाइक पर बात कर रहा था।वहीं अन्य 3 बाइक आगे निकल गई थी।
इस दौरान पीछे से एक क्रेन ने उनकी बाइक को भिड़न्त मार दी। भिड़न्त से बाइक सवार हेमलता रोड की तरफ नीचे गिरी जिसके सिर पर क्रेन का टायर चढ़ गया ।जिससे उसकी मौके पर मृत्यु हो गई। जबकि बाइक पर बैठी 4 वर्ष की भतीजी का पैर फ्रेक्चर हो गया और लालशंकर को हल्की चोट आई।
इधर हादसे के बाद क्रेन चालक क्रेन छोड़कर मौके से फरार हो गया। इधर घटना के बाद मौके पर लोगो की भीड़ जमा हो गई वही दोवड़ा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। सूचना पर मृतका के ससुराल और पीहर पक्ष भी मौके पर पहुंचा जहां परिजन क्रेन मालिक को मौके पर बुलाने और मौताने की मांग पर अड़े है।वहीं क्रेन मालिक के नही आने तक मृतशरीर को मौके से उठाने से इनकार कर दिया है।
इस बीच स्त्री का मृतशरीर सड़क किनारे ही पड़ा रहा | वही परिजन 10 लाख रूपए मौताने की मांग करते रहे। करीब 5 घंटे बाद सवा लाख पर मौताण (मुआवजा राशि) पर सहमति बनी जिसके बाद परिजन मृतशरीर उठा देने के लिए राजी हुए।
पुलिस ने मृतशरीर को मौके से उठवाकर डूंगरपुर जिला हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया लेकिन इस पूरे मुद्दे में डूंगरपुर पुलिस की मौजूदगी में मृत शरीर सम्मान कानून” की धज्जीया उड़ती रही।
करीब 5 घंटे तक मृतका के परिजन मृतशरीर की सौदेबाजी करते रहे लेकिन पुलिस कठोर रवैया अपनाने की स्थान मूक दर्शक से बनी रही। पहले भी इस तरह के कई मुद्दे हुए है लेकिन इस तरह के मामलो में पुलिस भी कानून प्रबंध न बिगड़े उस स्थिति में मध्यस्थता की किरदार में ही नजर आती है।
ये है राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023
यह कानून मृतक के शरीर की गरिमा सुनिश्चित करता है। इसके अनुसार जो कोई भी सड़क पर, पुलिस स्टेशनों के बाहर या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर मृतशरीर के साथ विरोध प्रदर्शन करता पाया गया, उसे जुर्माने के साथ छह महीने से लेकर पांच वर्ष तक की कारावास की सजा हो सकती है।