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फुटबॉल हाउस की एक महिला कर्मचारी अपने पुरुष सहकर्मी के खिलाफ कराई उत्पीड़न की शिकायत दर्ज

नई दिल्ली. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के मुख्यालय फुटबॉल हाउस की एक स्त्री कर्मचारी ने कथित तौर पर अपने पुरुष सहकर्मी के विरुद्ध ‘उत्पीड़न’ की मौखिक कम्पलेन दर्ज कराई है. एआईएफएफ के अपदस्थ कानूनी सलाहकार नीलांजन भट्टाचार्य ने पीएम कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर खेल के शासी निकाय के मुख्य कार्यालय में स्त्री कर्मचारियों के लिए “असुरक्षित वातावरण” पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

भट्टाचार्य ने पत्र में लिखा,”3 फरवरी, 2024 को लिखे अपने पहले पत्र के अलावा, मैं आपके ध्यान में निम्नलिखित घटनाक्रम भी लाना चाहूंगा जो अंतरिम अध्यक्ष, निवर्तमान उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और उप महासचिव, जो भारतीय फुटबॉल के महासचिव के कार्यालय के कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं, के निष्ठावान प्रयासों के सौजन्य से भारतीय फुटबॉल को परेशान कर रहे हैं.

उन्होंने इल्जाम लगाया, “एआईएफएफ की एक स्त्री कर्मचारी के साथ एआईएफएफ के प्रशासनिक विभाग के एक कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने का मुद्दा मेरे संज्ञान में लाया गया है. इस प्रकार, यह भी देखा जाना चाहिए कि ऐसा मुद्दा साफ रूप से फरवरी 2024 के महीने में हुआ था और इसकी सूचना अध्यक्ष कल्याण चौबे और उप महासचिव सत्यनारायण दोनों को दी गई थी. हालांकि, दोनों द्वारा कथित तौर पर मुद्दे को दबाने के कोशिश किए गए, न कि उक्त पीड़ित को अपेक्षित समर्थन और सहायता प्रदान की गई.

हालांकि ताजा मुद्दे में कथित पीड़ित ने अभी तक मुद्दे में औपचारिक इल्जाम नहीं लगाया है, लेकिन ये इल्जाम एआईएफएफ की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं जो पहले से ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से जूझ रहा है.

याद दिला दें कि फेडरेशन ने इस वर्ष जनवरी में कार्यस्थल पर स्त्रियों का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के अध्याय II (4.1) के प्रावधान के अनुसार एक आंतरिक कम्पलेन समिति का गठन किया था.

अपने पत्र में, भट्टाचार्य ने यह भी इल्जाम लगाया कि एआईएफएफ में ‘भ्रष्ट’ और ‘गंभीर रूप से अपमानित’ प्रशासन के कारण, लगातार ‘प्रतिभा पलायन’ हो रहा है और सबसे अच्छे कर्मचारियों ने फुटबॉल संस्था छोड़ दी है.

उन्होंने इल्जाम लगाया, “कुछ व्यक्तियों के हितों की पूर्ति के लिए सक्षम कर्मचारियों पर दबाव डालने का कोशिश किया जा रहा है.

भट्टाचार्य ने निष्कर्ष निकाला, “जबकि मुझे पता है कि मुझे चुप कराने के कोशिश किए जाएंगे, मुझे पूरा विश्वास है कि इस मामले को आपके कार्यालय के ध्यान में लाए जाने के साथ, एक्टिव और उपचारात्मक कदम निश्चित रूप से उठाए जाएंगे क्योंकि लाखों भारतीय इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. भट्टाचार्य को एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे और अन्य के विरुद्ध वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर इल्जाम लगाने के बाद हाल ही में उनके पद से हटा दिया गया था.

 

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