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MP में बीजेपी ने उम्मीदवारों की तीन लिस्ट की जारी

MP Election 2023: इस वर्ष मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इससे पहले भाजपा प्रदेश में एक्टिव हो गई है भाजपा ने उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी की हैं सोमवार को जारी दूसरी लिस्ट के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है दरअसल, भाजपा ने नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे केंद्रीय मंत्रियों को मध्य प्रदेश के चुनावी दंगल में उतारने का घोषणा किया है, लेकिन सीएम पद के उम्मीदवार पर संशय को बरकरार रखा है इस कदम के जरिए भाजपा ने एक मैसेज देने की प्रयास की है कि ‘मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी’ का रास्ता खुला रहेगा, यही नहीं कार्यकर्ताओं को संगठित करने और गुटबाजी पर लगाम कसने का कोशिश भी पार्टी की ओर से जारी रहेगा आपको बता दें कि तीन केंद्रीय मंत्रियों के अतिरिक्त चार सांसदों और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय इस बात की ओर भी इशारा करता है कि भाजपा को कांग्रेस पार्टी से इस चुनाव में कड़ी भिड़न्त मिल रही है यही नहीं, यह इस बात के भी संकेत दे रहा है कि कहीं ना कहीं चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में सबसे लंबे तक सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान का असर भी सत्ता विरोधी लहर को कम करने में सफल नहीं रहा है सत्ता पर काबिज रहने का कोशिश भाजपा कर रही है यही वजह है कि पार्टी ने जिन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को उम्मीदवार बनाया है उनका अपने-अपने क्षेत्रों में असर भी है जैसे, तोमर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में असर रखते हैं वहीं पटेल लंबे समय से महाकौशल क्षेत्र में पार्टी का प्रमुख चेहरा रहे हैं इसी प्रकार कुलस्ते का जनजातीय क्षेत्रों (महाकौशल) में असर है तो विजयवर्गीय मालवा-निमाड़ क्षेत्र में पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं

बीजेपी की दूसरी सूची पर नजर डालें तो पार्टी ने अपनी इस सूची में चार सांसदों राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह (महाकौशल क्षेत्र) तथा गणेश सिंह और रीति पाठक (रीवा और विंध्य क्षेत्र) को उम्मीदवार बनाया है भाजपा ने उन्हें ऐसी सीटों पर उम्मीदवार बनाया है जिनके अधिकतर क्षेत्रों में पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था इनमें से कुछ सांसद और मंत्री ऐसे भी हैं, जो पहली बार विधानसभा चुनाव के समर में उतरेंगे ऐसी आसार जरूर थी कि पार्टी कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपने कुछ सांसदों को मैदान में उतारेगी लेकिन जिस प्रकार से मध्य प्रदेश में सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया गया है, उसने पार्टी के भीतर भी कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है भाजपा ने 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार अन्य सांसदों को उम्मीदवार घोषित किया है तोमर और फग्गन सिंह कुलस्ते उन सीटों से चुनाव लड़ेंगे जहां 2018 में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी चार अन्य लोकसभा सांसदों में से तीन उन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ेंगे जहां मुख्य विपक्षी पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में विजयी हुई थी

तीन बार सांसद रहे तोमर 2008 तक दो बार विधायक रहे

प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष तोमर को जुलाई में मध्य प्रदेश में पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया गया था तीन बार सांसद रहे तोमर 2008 तक दो बार विधायक रहे और 2009 से लोकसभा में हैं वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल पांच बार लोकसभा सदस्य जरूर रहे हैं लेकिन कभी विधायक नहीं रहे जबकि आदिवासी नेता कुलस्ते छह बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे अन्य सांसदों में चार बार के लोकसभा सदस्य रहे गणेश सिंह और चार बार के ही लोकसभा सदस्य रहे राकेश सिंह शामिल हैं राकेश सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं पार्टी नेताओं का मानना है कि नेतृत्व ने कांग्रेस पार्टी से बीजेपी को मिल रही कड़ी चुनौती को स्वीकार करते हुए अपनी पसंद के उम्मीदवारों के साथ कई संदेश देने की प्रयास की है

ऐसी धारणा बनकर उभरी है कि साल 2008 और 2013 में भाजपा को भारी जीत दिलाने वाले सीएम चौहान का अब पहले जैसा सियासी रसूख नहीं रहा है और इसी धारणा के बीच पार्टी ने अपने कई बड़े नामों को मुकाबले में उतारकर नेतृत्व के मामले को खुला रखने की प्रयास की है सूत्रों ने बोला कि लंबे समय से सीएम की कुर्सी के आकांक्षी माने जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित इन वरिष्ठ नेताओं के लिए यह संदेश भी है कि उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके नेतृत्व के दावे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने से पहले पार्टी के लिए अच्छा प्रदर्शन सुनिश्चित करके अपनी क्षमता साबित करनी चाहिए

गुटबाजी कम करने पर जोर

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को छोड़कर सभी क्षेत्रीय नेताओं के नवंबर-दिसंबर में संभावित विधानसभा चुनाव लड़ने के साथ, पार्टी को आशा है कि इससे गुटबाजी कम होगी यह एक ऐसा मामला रहा है जिसने राज्य संगठन को परेशान किया है पार्टी नेताओं ने बोला कि तोमर और राकेश सिंह ठाकुर हैं, पटेल लोधी (ओबीसी) हैं और गणेश सिंह कुर्मी (ओबीसी) हैं जबकि कुलस्ते आदिवासी समुदाय से हैं उन्होंने बोला कि इन नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने का सामाजिक संदेश भी चुनाव में मददगार साबित हो सकता है और साथ ही इन नेताओं के आसपास के क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भर सकता है

अब तक 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया से बात करते हुए बोला कि भाजपा चाहे किसी को भी मैदान में उतारे, राज्य के लोगों ने उसे सत्ता से बाहर करने का निर्णय कर लिया है विपक्षी दल ने बोला कि सूची की घोषणा के साथ ऐसा लगता है कि चुनाव से पहले ही रिज़ल्ट घोषित कर दिए गए हैं यहां चर्चा कर दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है जिन सीटों के लिए उसने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें से अधिकतर वे सीटें हैं जिन्हें वह 2018 में हार गई थी

मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले ही बीजेपी ने हार मानी

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी किए जाने के बाद मंगलवार को दावा किया कि चुनाव से पहले ही नतीजे साफ हो गए हैं क्योंकि बीजेपी ने हार मान ली है मुख्य विपक्षी दल के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश में जिन लोगों ने ‘चोरी-छिपे’ गवर्नमेंट बनाई, जनता उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है खेड़ा ने मीडिया से बात करते हुए बोला कि पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में अपने 51 मिनट के भाषण में 44 बार कांग्रेस पार्टी का नाम लिया…जिस राज्य में 18 वर्ष से बीजेपी की गवर्नमेंट है, वहां आप 44 बार कांग्रेस पार्टी का नाम ले रहे हैं यह बताता है कि मध्य प्रदेश में गवर्नमेंट की उपलब्धियां ‘जीरो’ हैं

 

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