कोटा में बच्चे असफल प्रेम प्रसंगों के कारण कर रहे आत्महत्या : धारीवाल
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कोटा । राज्य के शहरी विकास आवास (यूडीएच) मंत्री शांति धारीवाल, जिन्हें पहले राजस्थान को ”पुरुषों की भूमि” कहने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, ने अब बोला है कि कोटा में खुदकुशी के बढ़ते मामलों के पीछे पढ़ाई और प्रेम प्रसंग का दबाव है।
उन्होंने बुधवार को कोटा में ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन करते हुए यह बयान दिया।
धारीवाल ने बोला कि कोटा में बच्चे असफल प्रेम प्रसंगों के कारण खुदकुशी कर रहे हैं। बुधवार को भी एक विद्यार्थी ने अपनी जान दे दी थी। मंत्री ने सुसाइड नोट का जिक्र करते हुए बोला कि विद्यार्थी सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें ‘प्रेम प्रसंग’ का जिक्र है। उन्होंने बोला कि यहां जितनी भी आत्महत्याएं हुई हैं, उनका सावधानीपूर्वक शोध करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बोला कि यहां करीब दो से ढाई लाख बच्चे पढ़ने आते हैं, जिनमें से 78 प्रतिशत यहीं आसपास हॉस्टल में रहते हैं।
कई बार आईआईटी प्रवेश परीक्षा में कामयाबी की आशा में दूसरे राज्यों से आने वाले लड़के स्वयं को अन्य विद्यार्थियों से पीछे पाते हैं और इस तरह हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। हालाँकि वे तैयारी छोड़कर वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन माता-पिता का दबाव उन्हें ऐसा करने से रोकता है, जिससे वे अवसाद में चले जाते हैं।
ऐसे मुद्दे सामने आए हैं जहां बच्चों ने 15 दिनों के भीतर खुदकुशी कर ली है। “इसका कारण क्या हो सकता है? प्रेम प्रसंगों के कारण आत्महत्याएं होती हैं। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए, हमने सोचा कि क्षेत्र में एक गुणवत्तापूर्ण पार्क तनाव कम करने में उनकी सहायता करेगा।”
गौरतलब है कि इस वर्ष कोटा में खुदकुशी के करीब 25 मुद्दे दर्ज किये गये हैं। इनमें से 14 विद्यार्थी एक वर्ष से भी कम समय से कोटा में थे। आठ विद्यार्थियों ने डेढ़ से पांच माह पहले ही कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लिया था।
इसके अतिरिक्त खुदकुशी के कोशिश के भी दो मुद्दे सामने आए हैं।