लेटैस्ट न्यूज़

गुमला के श्रीनगर गांव में घुसकर हाथी ने मचाया जमकर तांडव

 गुमला : गुमला जिला के जारी और चैनपुर बॉर्डर स्थित श्रीनगर, चटकपुर, कोड़ी गांव के लोग इन दिनों जंगली हाथी के तांडव से भयभीत हैं गांवों में प्रतिदिन जंगली हाथी घुसकर भारी उत्पात मचाते हैं लेकिन इतना सब होने बावजूद भी वन विभाग चैन की नींद सो रहा है बुधवार रात को भी श्रीनगर गांव में घुसकर हाथी ने जमकर तांडव मचाया और देवंती देवी नामक स्त्री के घर को ध्वस्त कर दिया साथ ही घर में रखे 50 किलो धान को भी बर्बाद कर दिया

इस बारे में जब पीड़ित परिजन लगनी देवी से पूछा गया तो उन्होंने बोला कि हम सभी परिवार के लोग रात के समय खाना खाकर आराम कर रहे थे इस बीच रात लगभग 12:00 बजे जंगली हाथी श्रीनगर गांव में प्रवेश किया और सबसे पहले हमारे घर को ध्वस्त करना प्रारम्भ कर दिया हाथी और घर टूटने की आवाज सुनकर जब हम पहुंचे तो देखा कि हमारे घर के एक साइड का दिवार गिरा हुआ है इसके बाद किसी तरह हम जान बचाकर वहां से भाग निकले और आस पास के रहने वाले लोगों को आवाज दी

इस पीड़ित परिजन ने आगे बोला कि हमारी आवाज सुनकर लोग मौके पर पहुंचे और हाथी को खदड़ने का कोशिश किया कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार हमलोग हाथी को भगाने में सफल हुए पीड़ित परिवार के लोगों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है उन्होंने बोला कि एक माह पहले भी हाथी ने हमारा घर को धवस्त कर दिया था जिसकी मुआवजा राशि अब तक हमें नहीं मिली है यदि बार हमारे साथ यही घटना हुई तो हम कहां जाएंगे

वन विभाग के रेंजर ने दी ये दलील

वहीं, जिला परिषद सदस्य दिलीप बड़ाईक को घटना की जानकारी मिली तो वे पीड़ित परिवार को 50 किलो चावल और 500/- रूपये की नकद योगदान राशि दी उन्होंने वन विभाग से अपील की है कि वे केवल ग्रामीणों को मुआवजा न दें बल्कि हाथी को भगाने के बारे में भी सोचें यदि वन विभाग इस मुद्दे में कोई पहल नहीं करती है तो हम सभी ग्रामीण मिलकर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे इसकी पूरी ज़िम्मेदारी वन विभाग की होगी वहीं वन विभाग के रेंजर जगदीश राम से इस संबंध में प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने बोला कि हमलोग अपने स्तर प्रयासरत हैं लेकिन हमारा कोशिश सफल नहीं हो सका है ज्ञात हो कि श्रीनगर जंगल में 10 महीने से जंगली हाथी डेरा जमाए हुए हैं इस वजह से क्षेत्र में भय का माहौल है जंगली हाथी का चैनपुर और जारी प्रखंड आना जाना लगा रहता है लेकिन अब निवारण नहीं निकल सका है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button