दूध में मिलावट को लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त आयुक्त उदय लोहकरे ने दी चेतावनी
पांगरी में दुग्ध संस्थानों एवं केंद्र संचालकों की कार्यशाला आयोजित की गई। उसमें वह बोल रहे थे। संभागीय आयुक्त संजय नरगोड़े, सहायक आयुक्त सुवर्णा महाजन ने कार्यशाला का मार्गदर्शन किया। बाजार कमेटी के चेयरमैन डाक्टर रवींद्र पवार, मछिंद्र चीने, सिन्नर तालुका मिल्क एसोसिएशन के निदेशक रंभाजी पगार, मैनेजर सतभाई, महालक्ष्मी मिल्क एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ। सोनवणे, सैधारा मिल्क तलेगांव के प्रबंधक दिलीप अहेर, हेल्दी फूड्स दापुर के संजय अवाद, हेरिटेज फूड्स के कचरू पवार, सिनर, एल निफाड, येवला, संगमनेर, इगतपुरी तालुका के दुग्ध संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। लोहकरे ने बोला कि सभी बड़े दूध उत्पादकों के साथ-साथ बड़े किसानों और सभी दूध संग्रहकर्ताओं के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी है। यदि लाइसेंस जारी किया गया है तो वित्तीय साल के अंत में फॉर्म डी1 भरना होगा। लोहकरे ने इस लाइसेंस को पाने के लिए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स जमा करने की अपील की। इस अवसर पर दुग्ध संघ के पदाधिकारियों सहित किसान मौजूद थे।
कम अंक स्वीकार करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है
गाय के दूध को 3.2 फैट और 8.3 एसएनएफ, भैंस के दूध को 6.0 फैट और 9.0 एसएनएफ और संयुक्त दूध को 4.5 फैट और 8.5 एसएनएफ की आवश्यकता होती है। आयुक्त नरगोड़े ने बोला कि जो गुणवत्ता से कम गुणवत्ता स्वीकार करेगा, उस पर कार्रवाई होगी। दूध डेयरी का परिसर साफ-सुथरा हो, सभी दुग्ध संस्थान दूध की खरीद-फरोख्त का रिकार्ड रखें। आयुक्त नरगोड़े ने अपील की कि यदि आपके क्षेत्र में कृत्रिम दूध का उत्पादन किया जा रहा है तो हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करें। उन्होंने बोला कि यह राज्य में इस तरह की पहली कार्यशाला है।