कटिहार का कुख्यात मोहन ठाकुर को भागलपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार
कटिहार जिले का आतंक कहे जाने वाला कुख्यात मोहन ठाकुर उर्फ मोहना ठाकुर को भागलपुर पुलिस ने देवघर जसीडीह रेलवे स्टेशन के पास से सोमवार को अरैस्ट कर लिया। पुलिस ने उसे भागलपुर के कजरैली थाना लाया जहां डीएसपी विधि भागलपुर प्रबंध डा गौरव कुमार, कहलगांव डीएसपी और क ई थानेदार, इंस्पेक्टर ने बारी बारी से उससे पुछताछ कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों का बोलना है कि मोहन पुलिस की कठोरता के बाद भी कोई अहम राज नहीं उगला है। पुलिस सूत्रों का बोलना है कि उसके ऊपर 30 से अधिक मुकदमा दर्ज हैं। अपने क्षेत्र में इसका अपना सम्राज्य चलता है। करीब 40 बीघा जमीन पर वह जबरन खेती करता है। अपने आतंक का भय दिखाकर वह अपनी मां को मुखिया के चुनाव में उतारा था और वे चुनाव जीत भी गई थी।
भागलपुर एस एसपी आनंद कुमार ने कहलगांव डीएसपी शिवानंद सिंह और विधि प्रबंध डीएसपी डा गौरव के नज़र में टीम गठित की और मोहना की खोज में जसीडीह भेजा था। वहां कटिहार पुलिस भी उसकी रैकी मे जुटी थी। लेकिन कामयाबी भागलपुर पुलिस को मिली है। मोहन ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद कटिहार पुलिस ने भागलपुर पुलिस से संपर्क किया है। कहा जाता है कि मोहना ठाकुर पर कटिहार में करीब तीन दर्जन संगीन क्राइम के मुकदमा दर्ज है। जिसमें हत्या, अपहरण, रंगदारी आदि के मुकदमा शामिल हैं। करीब वर्ष भर पहले उसने नरसंहार कर सात लोगों को मृत्यु के घाट उतार दिया था।पुलिस सूत्रों की माने तो सात लोगों की मर्डर के बाद मोहना जसीडीह मे छिपा था और एक मोबाइल नंबर से अपनी पत्नी से बातें किया करता था। भागलपुर पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर रखा था।मजे की बात ये है कि भागलपुर और कटिहार दोनों जिले की पुलिस को मोहन के जसीडीह मे रहने का इनपुट मिला था।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
कटिहार के मोहना चांदपुर निवासी कुख्यात मोहना ठाकुर ने 2 दिसंबर 2022 को कटिहार के बरारी थानाक्षेत्र के बकिया दियरा में गैंगवार मे करीब सात लोगों को मार डाला था। पांच की मृत-शरीर मिली थी और दो का मृत-शरीर नहीं मिल पाया था ।घटना से कटिहार समेत बिहार पुलिस मुख्यालय पटना तक हिल गया था।मोहना को पुलिस कुत्ते की तरह खोजने लगी।बताया जाता है कि पुलिस से बचने के लिए वो कटिहार, भागलपुर और खगड़िया के दियर में छिप गया था।वहां दियरावसियो का मोबाइल लेकर वो अपने लोगों से संपर्क कर लेता था।इसलिए पुलिस लाख प्रयास के बाद भी नहीं पकड़ पायी थी।जब पुलिस का दबाव बढ़ा तो वो जसीडीह सिफ्ट हो गया।बताया जाता है कि वहां वो एक झोपड़ी में ठिकाना बनाए हुआ था।वहां उसे भिन्न भिन्न मोबाइल का सुविधा नहीं मिला।एक मोबाइल नंबर से वो लगातार अपनी पत्नी के संपर्क मे था।इधर उस मोबाइल नंबर को भागलपुर ओर कटिहार दोनों पुलिस ने पैरलल लिसनिंग पर रखा था।इस आधार पर वो ट्रेस हो गया और पकड़ा गया।
क्यूल जा रहा था मोहना
मोहना ठाकुर अपनी पत्नी से मुलाकात करने जा रहा था।वो जसीडीह से ट्रेन पकड़ कर क्यूल जा रहा था तभी भागलपुर पुलिस ने उसे धर दबोचा। पुलिस सूत्रों की मानें तो कटिहार पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले से ही जसीडीह मे मोहना के ठिकाने के आसपास रैकी कर रही थी।भागलपुर पुलिस को मोहना का पुख्ता लोकेशन मिला और यहां की भी एक टीम सोमवार को जसीडीह पहुंच गयी।दोनों जिले के पुलिस को एक दूसरे के बारे मे कुछ भी जानकारी नहीं थी।दोनों अपने अपने मिशन पर लगी थी।पर मोहना भागलपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया।आगर भागलपुर पुलिस पकड़ने मे सफल नहीं होती तो कटिहार पुलिस उसे पकड़ लेती।
30 से अधिक मुकदमा है आरोपी
कटिहार के श्यामपुर ओपी क्षेत्र के मोहना चांदपुर का रहनेवाला मोहन ठाकुर का आतंक दो दशक से भी अधिक दिनों है। वर्तमान में उनकी मां वहां की मुखिया भी है। कहा जाता है कि वो मोहना चांदपुर के दियरा में अपना ठिकाना बनाकर रहता है और वहां के किसानों से रंगदारी वसूलता है। उसपर दो दर्जन से अधिक मुकदमा लुट, रंगदारी, हत्या, किडनैपिंग आदि का है।मोहना के गैंग मे कई बड़े बड़े क्रिमिनल शामिल है। कहा जाता है कि दियरा मे 40 बीघा जमीन पर मोहना जबरन खेती करता है। इसको लेकर कुख्यात मोहना ठाकुर रैकेट और कुख्यात पिक्कु यादव रैकेट में गैंगवार चलते रहता है। 2 दिसंबर 22 को मोहन रैकेट ने बखिया दियारा में कुख्यात पिक्कू यादव और उसके रैकेट से जुड़े पांच अपराधियों की मर्डर कर दी थी। दोनों रैकेट भागलपुर जिले के पीरपैंती से सटे बाखरपुर, कटिहार के बरारी समेत झारखंड के साहेबगंज से सटे दियारा क्षेत्रों में एक्टिव हैं।