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घर के बाहर कहीं भी दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने, सिन्दूर, कुमकुम, चंदन और अक्षत लगाने के बाद घी या ऑयल का दीपक जरूर जलाया जाता है ऐसा माना जाता है कि दीपक जलाए बिना पूजा पूरी नहीं होती है दीपक जलाने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है अग्नि पुराण, स्कंद पुराण के अनुसार, घर में देवी-देवताओं के लिए दीपक जलाते समय आप कुछ नियमों का पालन करते हैं, लेकिन जब आप बाहर यानी किसी पेड़-पौधे आदि के पास दीपक जलाते हैं तो उसे नहीं जलाते उन नियमों के प्रति सचेत रहें जिनकी वजह से जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है आइए जानते हैं घर के बाहर कहीं भी दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखें

दीपक जलाते समय न करें ये गलती

अग्नि पुराण और स्कंद पुराण में देवी-देवताओं की पूजा का विस्तार से वर्णन है इसी तरह जब हम घर के बाहर दीपक जलाते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए शास्त्रों के मुताबिक यदि आप बिल्वपत्र, पीपल, बरगद, केला या आंवले के पेड़ के नीचे या किसी मंदिर, तालाब या नदी के पास दीपक जलाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उस दीपक में कम से कम घी या ऑयल होना चाहिए

दीपक जलाने से परेशानी उत्पन्न होती है

दरअसल, कई बार हम भक्ति रेट से परिपूर्ण होकर अपने प्रियजनों के सामने देर तक दीपक जलाना चाहते हैं ऐसे में दीपक में बाती के साथ-साथ काफी मात्रा में ऑयल या घी भी डाला जाता है लेकिन कभी-कभी हवा या अन्य कारणों से लैंप बुझ जाता है ठंडा होने के बाद दीपक में घी या ऑयल रह जाता है यहीं से परेशानी प्रारम्भ होती है

शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा

ऐसा माना जाता है कि जो आदमी अकेले ही दीपक जलाता है और अविवाहित है, उसे शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है इसके अतिरिक्त यदि वह शादीशुदा है तो दंपती दोनों को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है खासतौर पर सिर के आसपास के हिस्से में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है इसलिए ध्यान रखें कि यदि आप दीपक किसी खुली स्थान पर जला रहे हैं तो उसमें अधिक ऑयल या घी न डालें

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